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डिप्टी सीएम केशव मौर्य के जिले में छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय, जिले के नोडल अधिकारी रमा रमण हैरान
जिले मे चल रहे बिना मान्यता के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुये बंद करवाना शुरू कर दिया है. प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम ने दिसंबर महीने मे एक सप्ताह मे दो दर्जन से अधिक गैर मान्यता के चल रहे स्कूलों को बंद कर उसे सीज कर दिया है.
जिला प्रशासन की इस कार्यवाही से स्कूल बंद हुये तो वहाँ पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं के भविष्य पर संकट मंडराने लगा| एक साथ दो दर्जन से अधिक स्कूल बंद होने से लगभग बीस हजार छात्र/छात्राओं की पढ़ाई बीच सत्र ठप हो गई. छात्र/छत्राओं का स्कूल जाना बंद हुआ तो वह घर बैठ गए. बच्चों का समय अब खेलने कूदने मे बीत रहा है| अभिभावकों को भी जिला प्रशासन की यह कार्यवाही खर रही है. वही जिले के दौरे पर आए प्रमुख सचिव व जिले के नोडल अधिकारी ने इसे गंभीर समस्या मानते हुये जिलाधिकारी को वाईकालपील व्यवस्था का निर्देश दिया है.
कौशांबी जिले के 498 गाँवों मे लगभग दो सौ प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल पिछले कई सालों से बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं| शिक्षण सत्र शुरू हुआ तो सरकारी स्कूलों मे बच्चों के कम पंजीकरण पर जिला प्रशासन ने कारण जाना| इस पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उन्हे बताया की गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों मे बच्चे व उनके अभिभावक अधिक दिलचस्पी दिखाते हुये वही पढ़ा रहे हैं. इसके बाद जिला प्रशासन ने गैर मान्य प्राप्त स्कूलों को चिन्हित कर उन्हे रजिस्टर कराने का निर्देश दिया| कई महीने बीत जाने के बाद भी बिना मान्यता के स्कूल चलाने वालों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की निगाहें तिरछी हो गई. डीएम के आदेश पर एक हफ्ते के अंदर दो दर्जन से अधिक गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करते हुये उन्हे बंद करा दिया गया. इसके बाद बंद कराए गए स्कूलों मे पढ़ने वाले तकरीबन बीस हजार बच्चे घर बैठ गए.
हालत यह है कि ऐसे बच्चों को उनके अभिभावक घर पर ही ट्यूशन के सहारे पढ़ा रहे हैं. वैसे ज्यादातर बंद स्कूलों के बच्चे अपने घर के आसपास दिन भर खेलते दिख जाते हैं. अभिभावकों का कहना है कि बीच सत्र स्कूल बंद होने से दूसरे स्कूल मे एडमीशन मुमकिन नहीं है. वहीं जिले के विकास कार्यों की हकीकत खंगालने आए जिले के नोडल अधिकारी व प्रदेश के वस्त्र एवं हथकरघा उद्योग के प्रमुख सचिव रमा रमण से जब इस बाबत सवाल किया गया तो चौक उठे. फिलहाल नोडल अधिकारी ने डीएम को निर्देशित किया है बंद कराए गए स्कूलों के छात्र/छात्राओं को आसपास के सरकारी स्कूल या फिर कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था कर उनकी पढ़ाई जारी करवाएँ. प्रमुख सचिव का कहना है कि शिक्षा सबका अधिकारी है, यदि जरूरत हो तो शासन से नए स्कूलों को खुलवाने का प्रस्ताव भी भेजा जाय.