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यूपी पुलिस का एक मानवीय चेहरा, जब दरोगा ने दिखाई इंसानियत, चंदा करके कराया शव का अंतिम संस्कार

यूपी पुलिस का एक मानवीय चेहरा, जब दरोगा ने  दिखाई इंसानियत, चंदा करके कराया शव का अंतिम संस्कार
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लखनऊ: कहते हैं आज के दौर में इंसानियत मर चुकी है, और इसके कई जीते जागते उदहारण भी देखने को मिलते हैं, कि किस तरह आज इंसान अपनी इंसानियत खोता जा रहा है, ऐसा ही एक मामला लखनऊ में देखने को मिला जहाँ अपनी मां की मौत के बाद मासूम बच्चे मां के शव को लेकर सुबह से लेकर शाम तक बैठे रहे। अस्पताल से मां का शव लेकर किसी तरह जब मासूम कमरे पर पहुंचे तो मकान मालिक ने शव रखने से मना कर दिया। जहाँ एक ओर इंसानियत को शर्मसार करने वाली ये घटना है वहीँ इंसानियत की मिसाल पेश करने वाले लोग भी मौजूद हैं , ऐसे ही एक शख्स हैं PGI थाना में तैनात दरोगा रणविजय कुमार सिंह, से इन मासूम बच्चों का दर्द नहीं देखा गया और उन्होंने चंदा इकठ्ठा कर शव के अन्तिम संस्कार करने की व्यवस्था करके एक बार फिर साबित कर दिया की इंसानियत अभी ज़िंदा है ।


सुबह से शाम तक शव लेकर बैठे रहे मासूम
बता दें कि मूलरूप से जौनपुर जिले के इमलिया गांव के रहने वाली नीतू (35) काफी दिनों से बीमार चल रही थी। वह पीजीआई थाना क्षेत्र के साऊथ सिटी उतरौली में अपने पिता शिव प्रकाश सिंह के पास किराये के मकान में रहती थी। नीतू का एक बेटा आयुष (10) और दो बेटियां आयुषी (7) और अनन्या (5) हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार को नीतू की अचानक मौत हो गई। अपनी मां की मौत के बाद मासूम बच्चे मां के शव को लेकर सुबह से लेकर शाम तक बैठे रहे। अस्पताल से मां का शव लेकर किसी तरह जब मासूम कमरे पर पहुंचे तो मकान मालिक ने शव रखने से मना कर दिया।


लाश गाड़ी ने दिया धोखा, पुलिस और लोगों ने दिया साथ
सरकारी गाड़ी शव और बच्चों को पास के शमशान घाट पर उतार कर चली गई। मासूम बच्चे मां का शव लेकर शमशान घाट पर रोते रहे और आने जाने वाले से मदद की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और समाजसेवियों को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। यहां मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज रणविजय कुमार सिंह ने शव के अन्तिम संस्कार करने की व्यवस्था की। पुलिस उप निरीक्षक ने कई समाजसेवियों की मदद से चंदा इकठ्ठा किया और असहाय बच्चों की मदद करके मानवता की एक मिशाल पेश की है।
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