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बीजेपी की रणनीत फेल, बुआ और बबुआ ने भी खेला बड़ा खेल!
उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव में सपा बसपा ने मिलकर बीजेपी से दोनों सीटें छीन ली. लेकिन जो झटका सीएम योगी को गोरखपुर से मिला था वो झटका बसपा को हराकर उन्होंने लेने का प्रयास किया है. जबकि यह सीट राज्यसभा की है. इसमें गिने चुने वोटर होते है जो सरकार के दबाब में भी काम करते है.
राज्यसभा में बसपा उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर को हराकर बीजेपी भी खुद की टूट नहीं रोक पाई. जबकि सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ वोटिंग होना एक चिंता का विषय है. यूपी में इन दोनों दलों के नजदीक आते है लोकसभा सीट परिणाम बड़े है चौकाने वाले आयेंगे जिन्हें खुद बीजेपी के बड़े नेता भी बयान करने में हिचकेंगे. क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस को मिलाकर लगभग 50 प्रतिशत वोट मिला.
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत लेकर सत्ता पर काबिज होने जा रही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के नतीजों ने ये साफ कर दिया कि देश में अभी भी मोदी लहर कायम है. यूपी में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को 325 सीटें मिली हैं. बीजेपी ने खुद 312 सीटों पर कब्जा जमाया है. आपको बता दें यूपी में बीजेपी का वोट प्रतिशत सबसे ज्यादा 39.7% रहा है.
विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी सिर्फ 47 सीटें ही जीत पाई. समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत इस विधानसभा चुनाव में सिर्फ 21.8% रहा. मायावती की पार्टी बीएसपी का भी इस चुनाव में बुरा हाल रहा. बीएसपी को केवल 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में ये पार्टी समाजवादी पार्टी से आगे है. इस बार के यूपी चुनाव में बीएसपी का वोट प्रतिशत 22.2% रहा है जो समाजवादी पार्टी के वोट प्रतिशत से ज्यादा है.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन यूपी में बुरी तरह से धराशाही हो गया पूर्ण बहुमत के साथ जीत का दावा करने वाला गठबंधन केवल 54 सीटों पर सिमटकर रह गया. कांग्रसे के उम्मीदवारों को भी हार का मुंह देखना पड़ा. कांग्रेस यूपी विधानसभा चुनाव में केवल 7 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई. कांग्रेस का वोट प्रतिशत इन चुनावों में केवल 6.2% रहा. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने भी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है अपना दल को 9 सीटों पर जीत मिली है. अपना दल का वोट प्रतिशत यूपी विधानसभा चुनावों में 1.0% रहा.
अगर यही हाल रहा तो इस गठवंधन को कुल मिलाकर बहुत बड़ा झटका देगें क्योंकि पिछले लोकसभा की अपेक्षा इस बार लोंगों में सरकार के प्रति गुस्सा भी होगा. इससे ही बीजेपी को डर लग रहा है. अगर बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , गुजरात से बड़ी जीत नहीं मिलती है तो केंद्र में बनी मोदी सरकार को बड़ा झटका होगा. इन पांच राज्यों में से लगभग 200 लोकसभा आती है जिनमें से लगभग 180 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीती है. जिनमें से गुजरात के चुनाव में लगभग सब बातें समझ में आ जाएँगी. उसके बाद यूपी, राजस्थान और बिहार से उपचुनाव में हार भी ये साबित करती है.
अब बिहार, यूपी , राजस्थान , मध्यप्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश समेत सब जगह से खबरें ठीक नहीं आ रही है. लेकिन राज्यसभा में जो खेल यूपी में खेला उसका सपा बसपा की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा. उल्टा अब उनके सम्बंधो में और ज्यादा घनिष्टता आती नजर आ रही है. कैराना लोकसभा पर अब बसपा की निगाह होगी.