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बसपा विधायक मुख़्तार अंसारी को वोट नहीं डालने दिया गया.
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीट में से नौ पर बीजेपी की जीत के बाद बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि बीएसपी के प्रत्याशी को हराने के लिए मुख्तार अंसारी को वोट डालने से रोका गया. उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी को वोट डालने के लिए कोर्ट ने इजाजत दे दी थी, लेकिन उनको जेल डालकर वोट नहीं डालने दिया गया. मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा, हम चुनाव आयोग के कहने पर कोर्ट गए और वहां से मुख्तार अंसारी को वोट डालने की इजाजत भी मिल गई थी.
ऐसे में प्रशासन उनको जेल से लाकर वोट डलवाने के लिए बाध्य था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. मुख्तार अंसारी को वोट डालने से जानबूझकर रोका गया, ताकि बीजेपी 9वीं सीट भी जीत सके. इससे पहले के सभी चुनावों में मुख्तार अंसारी को जेल से लाकर वोट डलवाया गया था. बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने हमारे दो विधायकों को पुलिस के दम पर अगवा कर लिया. उनसे जोर-जबरदस्ती करके वोट लेने का काम किया गया. इतना ही नहीं, जो दो विधायक दूसरे दल के थे, उनके साथ भी बीजेपी ने जबरदस्ती की और उनसे वोट लिया गया.
लेकिन सबसे बड़ी चुनौती 10वीं सीट के लिए बीजेपी के अनिल अग्रवाल और बसपा के भीमराव अंबेडकर के बीच कांटे की टक्कर थी. उस पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. गौरतलब है कि पहली वरीयता में बीजेपी के आठ विजयी उम्मीदवारों को 39-39 वोट मिले. सपा की जया बच्चन को 38 वोट मिले. पहली वरीयता की गिनती में दसवीं सीट के लिए बसपा के भीमराव अंबेडकर को 33 वोट मिले और बीजेपी के अनिल अग्रवाल को 22 वोट मिले. इसके बाद ही साफ़ हो गया था प्रचंड बहुमत वाली बीजेपी की दूसरी वरीयता में जीत तय है.
इससे पहले राज्यसभा चुनाव में वोटों की गिनती दो घंटे देर से शुरू हुई. दरअसल सपा और बसपा ने आरोप लगाया कि सपा के नितिन अग्रवाल और बसपा के अनिल सिंह ने पार्टी को बिना बताए क्रॉस वोटिंग की. लिहाजा उनके वोट अवैध घोषित होने चाहिए. इसके साथ ही सपा के एमएलसी राजेश यादव ने आरोप लगाया कि विपक्ष के चार बैलट पेपर फाड़े गए हैं. इसके बाद चुनाव आयोग ने फुटेज मंगवाया. जांच के बाद आयोग ने नितिन अग्रवाल और अनिल सिंह के वोट को वैध करार दिया. साथ ही बैलट फाड़ने वाले आरोप को भी खारिज कर दिया.
शिव कुमार मिश्र
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