- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
काश्मीर पर मायावती की भाषा राष्ट्रविरोधियों सरीखी- राकेश त्रिपाठी
शिव कुमार मिश्र
15 Jun 2018 11:25 AM GMT
x
राकेश त्रिपाठी बीजेपी प्रवक्ता
भारतीय जनता पार्टी ने मायावती ब्यान का दिया पलटवार जबाब .
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बसपा सुप्रीमों मायावती के काश्मीर नीति पर जारी बयान की कडे़ शब्दों में भर्त्सना की। त्रिपाठी ने कहा कि काश्मीर विषय पर जो भाषा अलगाववादियों और पाकपरस्तों की है उसी तरह की भाषा का इस्तेमाल पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा किया जाना शर्मनाक है। प्रधानमंत्री पद का सपना संजोने वाली मायावती जी का इतना सतही बयान उनकी समझ पर गहरे व गम्भीर प्रश्न खडे़ करता है। मायावती जी को अपने इस बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
राकेश त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ जम्मू-काश्मीर में सरकार के प्रयासों का सुफल है कि काश्मीर के नौजवान लोक सेवा आयोग की परीक्षा के साथ-साथ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे है, वहीं मायावती सरीखे नेता भारत के भीतर ही ऐसे बयान देकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी तत्वों की मदद करते दिख रहे है। मायावती जातीय राजनीति करती रही हैं, ऐसे संवेदनशील विषयों पर उनको बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए। काश्मीर घाटी की तुलना पाकअधिकृत काश्मीर से करना बसपा सुप्रीमों का मानसिक दिवालियापन है। बसपा सुप्रीमों ने भारत की सेना व अन्य सुरक्षा बलों पर भी गम्भीर प्रश्न खडे़ किये है, जो आंतकियों से देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा दे रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मायावती अब तक जातीय जहर बोती रही हैं लेकिन अब ऐसा बयान देकर उन्होंने अपनी हताशा दिखाई है। भाजपा का विरोध करते करते भारत का विरोध करने के व्यवहार से विपक्ष को बाज आना चाहिए।
शिव कुमार मिश्र
Next Story