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राजा भैया का बरपा मायावती पर कहर, लिया पुराना बदला

राजा भैया का बरपा मायावती पर कहर, लिया पुराना बदला
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यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को विधानसभा के तिलक हॉल में मतदान हो रहा है. इस बीच कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के मतदान में हिस्सा लेने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है.


हालांकि इस बीच राजा भैया ने ट्वीट कर साफ़ किया है कि वे अखिलेश के साथ हैं, इसका अर्थ बिल्कुल नहीं निकाला जाना चाहिए कि मैं बसपा के साथ हूं. इसके बाद कहा जा रहा है कि राजा भैया ने मायावती सरकार में उनके साथ हुए व्यवहार को वो भूले नहीं है. और राज्यसभा चुनाव में वे हिसाब बराबर कर रहे हैं.


राजा भैया ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर लिखा, "न मैं बदला हूं, न मेरी राजनैतिक विचारधारा बदली है, 'मैं अखिलेश जी के साथ हूं,' का ये अर्थ बिल्कुल नहीं कि मैं बसपा के साथ हूं." हालांकि अभी राजा भैया अभी तक वोट करने नहीं पहुंचे हैं. उनके साथ बाबागंज के निर्दलीय विधायक विनोद सरोज को भी वोट करना है. राजा भैया के ट्वीट से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पहली वरीयता में उनका वोट सपा को जाएगा, लेकिन दूसरी वरीयता में उनका वोट बसपा उम्मीदवार को न जाकर बीजेपी को जा सकता है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सियासत एक ऐतिहासिक मोड़ पर है. मायावती ने जहां गेस्ट हाउस कांड को भुलाते हुए वर्षों की दुश्मनी को किनारे कर दिया और उपचुनाव में सपा के साथ आ गईं. अब बारी राज्यसभा चुनाव में सपा के रिटर्न गिफ्ट देने की है. लेकिन इसमें एक अहम पेंच है. उपचुनाव में जीत के लिए निर्दलीय विधायकों का समर्थन जरूरी माना जा रहा है. सपा के लिए अच्छी खबर ये है कि निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने बुधवार को सपा की डिनर पार्टी में ऐलान किया कि वह अखिलेश के साथ रहे थे, रहे हैं और आगे भी रहेंगे.
राजा के इस ऐलान के बाद राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को जरूर राहत मिली होगी. वैसे अगर राजा भैया सपा समर्थित बसपा उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव में वोट देते हैं तो ये साबित हो जाएगा कि राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी वक्त के साथ बदलती रहती है. ये बात इस​लिए क्योंकि ये वही राजा भैया हैं, जिनके खिलाफ माया सरकार में जमकर कहर बरपाया गया. माया सरकार में राजा भैया और उनके पिता उदय प्रताप सिंह पर आतंकवाद निरोधकर कानून पोटा सहित दर्जनो केस लगे और उन्हें कई महीने जेल की हवा खानी पड़ी. वैसे रघुराज के पास सपा की प्रत्याशी जया बच्चन को वोट देने का भी आॅप्शन है. अगर वह ऐसा करते हैं तो सपा के विधायक का वोट बसपा प्रत्याशी की तरफ जा सकता है. इस कदम से रघुराज सपा का समर्थन देकर भी बसपा से दूरी मेनटेन कर सकते हैं.

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