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योगी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है, अब राज्यपाल जी आप मोर्चा संभालो - समाजवादी पार्टी

योगी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है, अब राज्यपाल जी आप मोर्चा संभालो  - समाजवादी पार्टी
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उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों स्वाधीनता आंदोलन के मूल्यों को भुलाकर नीति, कार्यक्रमों तथा विकास योजनाओं की अनदेखी करते हुए सार्वजनिक जीवन के सद्भाव एवं हितों को नष्ट करने का कार्य किया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल राम नाईक से आज समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल ने, जिसमें अहमद हसन, नेता प्रतिपक्ष, राजेन्द्र चौधरी पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय सचिव, नरेश उत्तम पटेल प्रदेश अध्यक्ष तथा एस.आर.एस. यादव सदस्य विधान परिषद शामिल थे, भेंट कर ज्ञापन सौंपा और राजभवन से भाजपा सरकार की निष्क्रियता और राग द्वेषपूर्ण आचरण के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही करने की मांग की।

समाजवादी पार्टी के ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह पंगु हो गई है। अधिकारी कर्तव्यनिष्ठ नहीं है। जनता मंहगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है। समाजवादी सरकार ने गरीबों, किसानों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के हित की जो योजनाएं लागू की थी। वे सब या तो बंद हो गई है अथवा उनके लिए बजट नहीं दिया जा रहा है। कानून व्यवस्था चौपट है। दिन दहाड़े हत्या, लूट अपहरण हो रहे है। महिलाओं, बच्चियों से दुष्कर्म हो रहे हैं। भाजपा सरकार ने प्रदेश को विकास के मामले में दशकों पीछे कर दिया हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश की जनता एवं विकास के लिए यही अच्छा होता कि महामहिम जी स्वयं प्रशासनिक व्यवस्था अपने हाथ में ले लें।
राज्यपाल से समाजवादी प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में चरमराती कानून व्यवस्था, किसानों की बदहाली, नौजवानों की दुर्दशा, छात्रों की समस्याओं पर ध्यान न देकर समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विरूद्ध बदनाम करने की नीयत से अभियान छेड़ रखा है ताकि जनता का ध्यान सरकार की असफलताओं की ओर न जा सके। यह जनता के विरूद्ध साजिश है।



ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों स्वाधीनता आंदोलन के मूल्यों को भुलाकर नीति, कार्यक्रमों तथा विकास योजनाओं की अनदेखी करते हुए सार्वजनिक जीवन के सद्भाव एवं हितों को नष्ट करने का कार्य किया जा रहा है। लोकतंत्र की भावना को कुचला जा रहा है। भाजपा सरकार पूर्णतया संवेदनशून्य है। इन स्थितियों में राजभवन का हस्तक्षेप अपेक्षित है।


ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा सरकार के 15 महीनों में जनता के हितों पर लगातार कुठाराघात होने से जनता आक्रोशित है। भाजपा हर मोर्चे पर विफल है। किसान कर्ज, फसल की बर्बादी, समय से गन्ना किसानों के भुगतान न होने और भाजपा के वादे के अनुसार कृषि उत्पाद का लागत का डेढ़ गुना अतिरिक्त मूल्य न मिलने से निराश-परेशान किसान आत्महत्या को मजबूर है। बुंदेलखण्ड के महोबा जिले में 27, बांद जनपद में 12 तथा हमीरपुर जनपद में 11 किसान अपनी जान गवां चुके हैं।
राज्यपाल को बताया गया कि गन्ना किसानों की समस्या को लेकर 26 मई 2018 को उदयवीर सिंह की मृत्यु हो गई। 17 जून 2018 को रायबरेली में धरने पर बैठे अमृतलाल सविता की जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देते समय मृत्यु हो गई। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में बी.सी.ए. की छात्रा ऐश्वर्या शर्मा ने शोहदों की छेड़छाड़ से क्षुब्ध होकर 2 अप्रैल 2018 को जान दे दी। 21 अप्रैल 2018 को ग्राम सठला थाना मवाना जनपद मेरठ के प्रधान नावेद की झूठी गोकशी शिकायत पर 4 लोगों को जेल भेजा गया। इसमें नरेन्द्र पुत्र मलखान की पिटाई के बाद जेल में मौत हो गई। पुलिस कर्मियों के विरूद्ध हत्या का केस दर्ज नहीं हुआ। जनपद हापुड़ के कस्बा पिलखुवा निवासी स्व0 सुन्दर प्रजापति की दिनांक 24 अप्रैल 2018 को थाना विजय नगर गाजियाबाद की पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में हत्या हुई। उसे उसी दिन सुबह 11ः00 बजे मकान मालिक के सामने जबरन उठाया गया था। 3 दिन पहले 21 मार्च 2018 को 25,000 रूपये का उसको ईनामी अपराधी घोषित किया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि नौजवानों को नौकरी नहीं मिली, उनका भविष्य अंधकारमय है। अस्पतालों में दवा, इलाज, डाक्टरों का अभाव है। बी.आर.डी. कालेज गोरखपुर में दर्जनों बच्चों की आक्सीजन की कमी से मौत, फर्रूखाबाद में आक्सीजन की कमी से मौत, कानपुर के हैलेट अस्पताल गणेशशंकर मेडिकल कालेज, लालालाजपत राय अस्पतालों में हुई मौतों पर भाजपा सरकार मौन है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार में 108 और 102 नं0 एम्बूलेंस सेवाएं शुरू हुई थी जिनकी उपेक्षा से कोई बहन भाई को ठेले पर ले जाते तो कोई बेटा अपने पिता की लाश कंधे पर ले जाते दिखा है। सरकार में भ्रष्टाचार है। भाजपा विधायक, सांसद यहां तक कि मंत्री भी आरोप लगा रहे हैं। राजभवन से मुख्यमंत्री सचिवालय में रिश्वत मांगे जाने पर तो पत्र ही लिखा गया था। गन्ना विभाग के चीनी मिल संघ में 18 लाख कुन्तल चीनी 200-300 रू0 प्रति कुन्तल सस्ते दर पर बेचकर प्रबन्ध निदेशक दुबे ने 100 करोड़ रूपये की राजस्व क्षति की। गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा अभी भी बकाया है। महामहिम राज्यपाल ने ज्ञापन स्वीकार कर आश्वासन दिया कि वे इसमें उल्लिखित मामलों का संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करेंगे।
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