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त्रिपुरा के सीएम के बाद यूपी के डिप्टी सीएम को हुआ रामायण का ज्ञान, विकास में उलझे भगवान
Alok Mishra
1 Jun 2018 8:51 AM GMT
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि प्राचीन काल में भी भारत में टेक्नोलॉजी मौजूद थी. उन्होंने कहा कि महाभारत और रामायण काल में लाइव टेलिकास्ट से लेकर टेस्ट ट्यूब बेबी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता था. दिनेश शर्मा ने यह बात क्षेत्रीय स्किल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में कही.
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिस तरह कुरुक्षेत्र में हो रहे महाभारत के युद्ध का सजीव वर्णन संजय ने हस्तिनापुर के महल में बैठकर किया, वही आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का लाइव टेलिकास्ट है. आज अगर हम विमान की बात करते हैं तो रामजी के समय में पुष्पक विमान हुआ करता था, जिस पर सवार होकर वह लंका से अयोध्या पहुंचे थे.
उन्होंने कहा, "इसी तरह सीता जी का जन्म एक घड़े से होने का भी जिक्र है, जो आज की टेस्ट ट्यूब बेबी टेक्नोलॉजी रही होगी. जनक जी के हल चलाने पर जमीन से एक घड़ा निकला और उसमें सीता जी निकलीं. वह कहीं न कहीं टेस्ट ट्यूब बेबी जैसी टेक्नोलॉजी रही होगी." इतना ही नहीं दिनेश शर्मा ने दावा किया कि, मोतियाबिंद का ऑपरेशन, प्लास्टिक सर्जरी, गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत, परमाणु परीक्षण और इंटरनेट जैसी तमाम आधुनिक प्रक्रियाएं पौराणिक काल में ही शुरू हो गई थीं.
Today, live telecast is being done, but I think a similar technology was present at the time of Mahabharata, when Sanjay presented a 'live telecast' of the battle of Mahabharata to Dhritarashtra: Dinesh Sharma, UP Deputy CM pic.twitter.com/0AQ3ptHnIW
— ANI UP (@ANINewsUP) June 1, 2018
डिप्टी सीएम ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के मौके पर कई जिलों के कार्यक्रम में गया. वहां बहस छिड़ी हुई थी कि आज मीडिया कितना विकसित हो गया है. मैंने कहा नहीं. भारत में यह पौराणिक काल से ही मौजूद है. विदेशों में अगर यह तकनीक अब विकसित हुई तो अलग बात है. हमारे देश में पत्रकारिता की शुरुआत महाभारत काल में ही हो गई थी."
Today, live telecast is being done, but I think a similar technology was present at the time of Mahabharata, when Sanjay presented a 'live telecast' of the battle of Mahabharata to Dhritarashtra: Dinesh Sharma, UP Deputy CM pic.twitter.com/0AQ3ptHnIW
— ANI UP (@ANINewsUP) June 1, 2018
उन्होंने अपनी बात के पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि पौराणिक पात्रों संजय और देवर्षि नारद को वर्तमान समय में सीधे प्रसारण और गूगल से जोड़कर देखा जा सकता है. डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि हमारा टेक्निकल ज्ञान काफी पुराना है. जिसका आधार था कौशल विकास. मसलन लोहार है तो लोहे का काम जानता था. बढ़ई है तो लकड़ी का काम जानता था. हर व्यक्ति के कौशल के हिसाब से ही उसके काम का विभाजन था. लेकिन अंग्रेजी नीति के कारण उस विभाजन में कहीं न कहीं विकृति और विसंगति आ गई.
Alok Mishra
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