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मायावती के बोलते ही फिर खड़ा हुआ सियासी तूफ़ान, यूपी बिहार में होगा सफाया

मायावती के बोलते ही फिर खड़ा हुआ सियासी तूफ़ान, यूपी बिहार में होगा सफाया
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मेरठ-बसपा लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर 'मंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन'आयोजित कर रही है,इस रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर कई आरोप लगाये वही उन्होंने गठबंधन के लिए अपने को तैयार बताया.
बीजेपी पर लगाये आरोप
मायावती ने सहारनपुर में ठाकुर और दलित समुदाय के दंगे के लिए भाजपा को ज़िम्मेदार ठहराया.उन्होंने भाजपा पर अपनी हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में जब वो इस मुद्दे पर सवाल करना चाहती थी तो उन्हें बोलने का मौका नही दिया गया जिसके बाद उन्होंने 8 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने EVM मशीनों में गड़बड़ी कर चुनावी जीत दर्ज की.मायावती भाजपा पर दलित,व्यापारी और अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगाया.
गठबंधन पर ये खुलकर बोली
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर सपा और कांग्रेस से बसपा के चुनावी तालमेल पर अपने समर्थको के सामने बात रखी,उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सपा-कांग्रेस से महागठबन्धन के लिए तैयार है लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि पहले सीटो के बटवारे का एलान किया जाए.

मालुम हो कि सपा-कांग्रेस और बसपा के यूपी में महागठबंधन की चर्चा काफी दिनों से हो रही है लेकिन पटना में लालू प्रसाद यादव द्वारा विपक्षी दलों की रैली में भी बसपा सुप्रीमो ना तो खुद शामिल हुयी और ना ही किसी नेताओ को भेजकर चुनावी तालमेल पर ग्रहण लगा दिया था लेकिन एक बार फिर मायावती द्वारा गठबंधन पर बात करने से दुबारा विपक्षी दलों की एकता का मार्ग खुल सकता है.

रैली के माध्यम से बसपा ने समर्थको में जोश भरा
बसपा ने इस रैली में भीड़ लाने के लिए पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों से संपर्क किया था,रैली में ठीक ठाक भीड़ जुटने से बसपा समर्थको में जोश दिखाई दिया.
बता दे बसपा को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नही मिली थी वही विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ 19 सीटो पर संतोष करना पड़ा था,चुनावी विश्लेषको के मुताबिक बसपा अपने स्थापना के बाद से सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है इसलिहाज़ से अगला लोकसभा चुनाव बसपा के लिए करो या मरो की लड़ाई है.

दरअसल अब राजनीती का मतलब भी बदलता नजर आ रहा है. अब साधारण राजनीत का अस्तित्व भी खतरा में आ गया है. अब राजनितिक मंच का भी स्वरुप बदलने लगा है. अब बात सीएम योगी की हो अथवा पूर्व सीएम मायावती की सबको मंच एसी लगा ही चाहिए. लगता है भारत बदल रहा है.
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