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डूबे हुए धन को लेकर निवेशकों ने फिर लगाई चैयरमैन प्रभात कुमार से गुहार, प्रीमिया कंपनी भी है फरार
ग्रेटर नॉएडा : जिले में पहली बार बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही हुई है . हज़ारों निवेशकों के करोड़ों रूपये की हेराफेरी करने वाले एसडीएस व ग्रीन-वे बिल्डर के खिलाफ यमुना प्राधिकरण चेयरमैन व मेरठ मंडल के कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार के निर्देश पर कासना कोतवाली में आपराधिक व कम्पनी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई है .
यमुना प्राधकरण के सीईओ डॉ .अरुणवीर सिंह के निर्देश पर एसीईओ की अध्यक्षता में बनी समिति ने दिसंबर 2017 से व जनवरी 2018 में 28 बिल्डर प्रोजेक्टों में निवेश और व्यय का ऑडिट किया था . इसमें बिल्डरों का फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया है . एसडीएस व ग्रीन वे बिल्डर निवेशकों से वसूले गए करोड़ों रूपये का हिसाब देने में नाकाम रहे . उन्होंने निवेशकों की गाढ़ी कमाई कहीं और निवेश कर दिया . इससे पूर्व के प्रोजेक्टों का कार्य अधूरा रह गया . प्राधिकरण ने निवेशकों को मौका देते हुए एस्क्रो अकाउंट खोलकर उसमें रकम जमा कराने का निर्देश दिया .
वावजूद इसके बिल्डरों ने रकम जमा नहीं कराई . एसडीएस इंफ्राकन प्राइवेट लिमिटेड ने फ्लैट व भूखंड खरीदारों से 182.44 करोड़ रूपये बुकिंग और किश्तों के रूप में वसूले . इससेप्रजेक्ट पूरा किया जाना था पर बिल्डरों ने इसे दूसरी कंनियों में लगा दिया .उक्त राशि को बिल्डर्स ने एसडीएस इंफ्राटेक लिमिटेड ने अब तक निवेश निवेशकों को नहीं लौटाया है.
ऐसी नॉएडा और ग्रेटर नॉएडा में एक नहीं कई कंपनियां है जो अपने निवेशकों का धन लूट कर फरार है. ये लुटे पिटे निवेशक कभी पुलिस थाना तो कभी एसएसपी दफ्तर और ऑथोरिटी कार्यालय के चक्कर लगा रहे है. लेकिन इन्हें निजात नहीं मिल पा रहा है. ऐसी ही एक कम्पनी प्रीमिया बिल्डर्स के नाम से है जो सैकड़ों निवेशकों का करोड़ो रुपया लेकर फरार है. निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई को डूबते देख दुखी हो रहे है. लेकिन इनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
नोएडा में कई कम्पनी सरकार के निर्देश के वावजूद भी अभी निर्माण कार्य और लोक लुभावन बात कर ग्राहकों को फंसाने में लगे हुए है. जबकि प्रसाशन चुपचाप मूक दर्शक बना यह खेल होता देख रहा है.