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NOIDA पुलिस को राष्ट्रीय मानवाधिकार का नोटिस, बेगुनाह का इनकाउंटर क्यों?

NOIDA पुलिस को राष्ट्रीय मानवाधिकार का नोटिस, बेगुनाह का इनकाउंटर क्यों?
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आयोग ने नोएडा मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी किया.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के नोएडा में एक दरोगा द्वारा 25 साल के युवक को गोली मारने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर सरकार को नोटिस जारी किया है. मामले में आरोप लगे हैं कि पुलिस ने आउट आॅफ टर्न प्रमोशन के लिए फर्जी इनकाउंटर किया. हालांकि मामले में नोएडा पुलिस इनकाउंटर की बात से इंकार कर चुकी है. आयोग के अनुसार मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश में राज्य पुलिस निरंकुश हो गई है, वह दी गई ताकतों का गलत इस्तेमाल कर रही है.
उच्चाधिकारियों द्वारा दी गई छूट का वह लोगों से व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने में इस्तेमाल कर रही है. आयोग के अनुसार पुलिस लोगों की रक्षा के लिए है, इस तरह के मामले समाज में गलत संदेश देते हैं. अपराध से निपटने के लिए भय का माहौल बनाना सही तरीका नहीं है. आयोग के अनुसार इस मामले में घायल युवक अपराधी नहीं है. वह अपने दोस्तों के साथ यात्रा कर रहा था, जब दरोगा ने उस पर हमला किया और जीने का अधिकार छीनने की कोशिश की.
आयोग ने नोएडा मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी किया. साथ ही कहा है कि इस मामले को खुद देखें और जरूरी कार्रवाई करें ताकि पुलिसकर्मी किसी निर्दोष को परेशान न करने में ताकत का दुरुपयोग न करें. आयोग ने इस संबंध में दोनों अधिकारियों ने 6 हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. इस नोटिस के साथ ही आयोग ने 22 नवंबर को यूपी सरकार को पुलिस इनकाउंटर के संबंध में दी गई नोटिस का भी जिक्र किया है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में इनकाउंटर की बाढ़ आ गई है कोई भी आरोपी बिना इनकाउंटर गिरफ्तार नहीं हो रहा है. खासकर पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ गिने चुने जिलों में यह कार्यवाही हो रही है. बाकी जिलों में स्तिथि सामान्य है. फिर भी अपराध पर लगाम नहीं है.
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