- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
कबीर के मगहर में पीएम मोदी ने झूँठ के सारे रिकार्ड तोड़े, देश न बदलकर इतिहास बदल दिया!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (28 जून) को संत कबीर की 620वीं पुण्यतिथि के मौके पर उत्तर प्रदेश संत कबीर नगर के मगहर में कुछ ऐसा बोल दिया कि इतिहासकारों को किताबों के पन्ने पलटने पड़ गए। ऐतिहासिक मामलों की जानकारी रखने वाले तबकों से यह बात सामने आ रही है कि मगहर में पीएम मोदी फिर से इतिहास में चूक कर गए।
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, महात्मा कबीर को उनकी ही नर्वाण भूमि से मैं एकबार फिर.. कोटि कोटि नमन करता हूं। ऐसा कहते हैं कि यहीं पर संत कबीर, गुरुनानक देव और बाबा गोरखनाथ जी ने एक साथ बैठकर के आध्यात्मिक चर्चा की थी। मगहर आकर के मैं एक धन्यता अनुभव करता हूं।
पीएम मोदी की इस बात को गलत करार देने के बारे में तर्क यह दिया जा रहा है कि बाबा गोरखनाथ, कबीर दास और गुरुनानक से बहुत पहले के दौर के थे। बाबा गोरखनाथ का जन्म 11वीं शताब्दी में हुआ था जबकि कबीर दास का जन्म 14वीं शताब्दी के आखिर में (1398 - 1518) हुआ था जो कि 120 साल जीवित रहे थे। वहीं गुरुनानक 15वीं और 16वीं शताब्दी के मध्य में (1469-1539) रहे।
पहले भी कई दफा प्रधानमंत्री मोदी पर इतिहास के साथ चूक करने के आरोप लग चुके हैं।
2013 में पटना की एक रैली में नरेंद्र मोदी ने बिहार की ताकत का जिक्र करते हुए सम्राट अशोक, पाटलिपुत्र और नालंदा के साथ तक्षशिला का भी नाम लिया था। तक्षशिला जबकि पंजाब का हिस्सा रहा है जो कि अब पाकिस्तान में पड़ता है।
एकबार अमेरिकी दौरे पर पीएम मोदी ने कोर्णाक के करीब 700 वर्ष सूर्य मंदिर को 2000 वर्ष पुराना बता दिया था।
पीएम मोदी ने एकबार कहा था कि जब हम गुप्त साम्राज्य की बात करते हैं तो यह हमें चंद्रगुप्त की राजनीति याद दिलाता है। दरअसल, वह जिन चंद्रगुप्त की राजनीति की बात कर रहे थे वह मौर्य साम्राज्य के थे। चंद्र गुप्त द्वितीय गुप्त साम्राज के थे।
बता दें कि कबीर दास की पुण्यतिथि के मौके पर पीएम मोदी ने गरीबों, दलितों, शोषितों और वंचितों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, कुछ राजनीतिक दल, जिन्होंने संत कबीरदास जी को गंभीरता से नहीं पढ़ा वो समाज में शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक हो गए हैं। ये सिर्फ अपने परिवार का हित देखते हैं।
"ऐसा कहते हैं कि यहीं पर संत कबीर, गुरु नानक देव जी और गुरु गोरखनाथ एक साथ बैठकर अध्यात्मिक चर्चा करते थे."--प्रधानमंत्री मोदी, मगहर में। धन्य है ये देश, धन्य हैं पीएम और यहाँ की जनता. गुरु गोरख आठवीं सदी में थे और कबीर पंद्रहवी सदी में, ख़ैर जाने दीजिए। जय जय करिए। वीडियो क्लिप नीचे है, पूरा न सुनना हो तो. अनमोल वचन के लिए 4 मिनट 55 सेकेंड पर सीधे जाएँ।