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कैराना नूरपुर में चुनाव प्रचार समाप्त: 28 पड़ेंगे वोट 31 मई को आएगा परिणाम
शिव कुमार मिश्र
26 May 2018 12:27 PM GMT
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कैराना नूरपुर में प्रचार बंद उम्मीदवारों की धडकने तेज हो गई है. अब वोटों को धुर्विकृत होने से रोका जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा क्षेत्र और नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव का प्रचार की समय सीमा समाप्त हो गई है. शनिवार शाम पांच बजे प्रचार का काम बंद हो गया है. अब आपसी प्रचार होता रहेगा. कैराना लोकसभा सीट और नूरपूर विधानसभा सीट पर 28 मई को उप चुनाव होगा. दोनों सीटों पर मतगणना 31 मई को होगी. बता दें कि कैराना लोकसभा सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के फरवरी में हुए निधन के कारण खाली हुई थी. जबकि नूरपूर विधानसभा सीट बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह चौहान की फरवरी में ही सड़क हादसे में मौत के कारण खाली हुई.
इस सीट पर बीजेपी ने सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को कैराना लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं विपक्ष ने संयुक्त रूप से आरएलडी नेता तबस्सुम को अपना समर्थन देते हुए प्रत्याशी घोषित किया है. विपक्ष इस सीट को जीतने की हरसंभव कोशिश कर रहा है. इनका मानना है कि अगर ये इस सीट को जीतते हैं तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ लड़ने में बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत मिलेगी.
दरअसल, कैराना सीट बीजेपी के लिए जीतना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कैराना लोकसभा सीट की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जिसमें दो सीट गंगोह और नकुड़ सहारनपुर जनपद में आती है. जबकि तीन विधानसभा सीट शामली जनपद में लगती है. इससे पहले भी सीएम योगी कैराना लोकसभा सीट की नकुड़ विधानसभा के गांव अंबेहटा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके है. जहां पर उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर तंज कसे थे.
बता दें कि अंतिम समय में रालोद उम्मीदवार ने बीजेपी के जीत के मंसूबे पर पानी फेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है तो बीजेपी भी अभी हर मोड़ पर विपक्ष के सयुंक्त उम्मीदवार को घेरते नजर आ रही है. शामली में वोटिंग के दौरान पीएम मोदी का बगल के जिले बागपत में रोड शो होगा. उस रोड शो का मतलब ही सिर्फ और सिर्फ कैराना चुनाव है. अगर इतने पर भी बीजेपी चुनाव हारती है तो फिर उसको अपनी हकीकत आईने की तरह साफ़ दिख जानी चाहिए. जिस तरह अंतिम समय में रालोद प्रत्याशी ने लोकदल उम्मीदवार को रालोद में शामिल करा लिया और उसी के दूसरे दिन भीम आर्मी का समर्थन कुछ नया तो लिख रहा है. लेकिन अभी कुछ कहना छोटे मुंह बड़ी बात होगी.
शिव कुमार मिश्र
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