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यूपी में शिक्षा का हाल: बगैर मान्यता के कर रहे टीसी देने की बात, संवेधानिक नियमों की खुले आम उड़ा रहे धज्जिया
शिव कुमार मिश्र
8 Oct 2017 3:22 AM GMT
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पिसावां: छात्रों के भविष्य को ताक पर रख कर बहती गंगा में हाँथ धोने लगे तो मामले की गम्भीर हो जाना लाजमी है।आज हम आप को कुछ ऐसी ही हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैशिक्षा व्यवस्था की यह कहानी पढ़ कर आप सन्न राह जायेगे, जहां पर जिमेदारो के संरक्षण में अवैध विद्यालय संचालित हो रहे है,भले ही इन गुडवत्ता विहीन और अँधिकार्ट रूप से संचालित विद्यालय देश के भविष्य को अंधकार में झोंक रहे है वही,अधिकारी इस मसले पर कार्यवाही करने के नाम पर न सिर्फ टाल मटोल करते नज़र आ रहे है,बल्कि उनकी बात चीत से उनकी कार्यशैली भी संदिग्ध और सवालो के घेरे में है।
आप को बताते चले कि पिसावा विकास खण्ड के ब्रम्हावली में संचालित जायसवाल एजुकेशनल स्कूल के हवा हवाई मान्यता के आधार के साथ संचालित हो रहा है।इस बात का खुलासा तब हुवा जब एक मूक बधिर छात्र आज़ाद सिंह के पिता नोकेन्द्र पाल सिंह जब छात्र का एस आर नम्बर लेने के लिए विद्यालय पहुचे जिस पर विद्यालय के प्रधानाचार्य आशीष जायसवाल भड़क उठे थे,जिसकी शिकायत नोकेन्द्र पाल सिंह द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र देकर खण्ड शिक्षाधिकारी पिसावा से की गई थी जिसके आज खण्ड शिक्षाधिकारी सुंदर लाल रावत ने विद्यालय न जाकर के टेलीफोनिक विद्यालय के प्रधानचार्य से बात कर अवैध विद्यालय के खिलाफ कार्यवाही न कर के उसके बचाव में उतर आये।हद तो तब हो गयी जब बीइओ महोदय बगैर मान्यता के विद्यालय से टीसी दिलाने लगे।ऐसे में बड़ा यह है सवाल बगैर मान्यता प्राप्त संचालित।
खबर लिखे जाने तक पीड़ित को अवैध स्कूल से टीसी दी जाएगी या स्कूल पर कोई कार्यवाही होगी ,इस दिशा में कोई भी ठोस कार्यवाही नही की जा सकी।उक्त सम्बन्ध में जब बीएसए से बात करने का प्रयास किया गया,तो उन्होंने फ़ोन उठाना ही मनाशिब नही समझा।कुछ भी हो देश के नोनिहालो के साथ चन्द पैसे के खातिर शिक्षा को व्यापार बन चुकी शिक्षा से एक बात तो जाहिर हो चुकी है,भले ही बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा हो,लेकिन इसकी परवाह करने वाले चन्द पैसो की मौज में डुबे नज़र आ रहे।शिक्षा जगत में इन शिक्षा माफियाओ का बोल बाला शुभ संकेत नही कहा जा सकता है,
शिव कुमार मिश्र
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