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एसपी आनंद कुलकर्णी ने किया ऐतिहासिक काम, एक दिन के लिए सभी थानों की कमान छात्राओं को, जनता ने की तारीफ़
सीतापुर जिले के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने उत्तर प्रदेश में एक इतिहास रच दिया. केंद्र और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप बेटी बचाओ और बेटी पढाओ योजना को आगे बढाते हुए जिले के सभी 26 थानों की कमान जिले की छात्राओं के हवाले कर दी. इस कार्य को बुधवार को सभी थानों की थानाध्यक्ष बनी छात्राएं बड़ी तल्लीनता और जिम्मेदारी से सख्ती बरतते हुए अपने पद की गरिमा बनाते हुए छोटी से छोटी शिकायतों का निस्तारण करती नजर आई. अपने थानाध्यक्ष की सख्ती देखते हुए सभी सहयोगी स्टाफ भी तत्परता से अपनी जिम्मेदारी निभाता हुआ नजर आया. एसपी कुलकर्णी के इस नये प्रयोग की पूरे प्रदेश में भूरि भूरि प्रशंसा हो रही है.
नारी सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक आंनद कुलकर्णी के निर्देश पर जनपद भर के थानों में छात्राओं को एक दिन का थानेदार बनाया गया. अभिलेखों का अवलोकन करने के साथ ही छात्राओं ने वाहन चेकिंग अभियान भी चलाया. बिसवां कोतवाली में छात्रा बनी थानेदार का पुलिस कर्मियों ने हुक्म बजाया. सिपाही के रूप में अन्य छात्राओं ने नारी सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत छात्राओं का मनोबल बनाने के लिए एवं छात्राओं के मन से अपराधियो का भय निकालने के लिए जिले की 26 कोतवाली व थानाध्यक्ष की कमान छात्राओं को एक दिन के लिए सौपी गयी. इस क्रम में एलपिस ग्लोबल स्कूल के इंटर की 26 तेज तर्रार छात्राओ को कोतवाली में आमंत्रित किया गया.
छात्रा सानिया जिया को वरिष्ठ उपनिरीक्षक आरपी यादव ने कोतवाल नियुक्त किया और कोतवाली में आने वाली पीड़ित शिकायतों को सुना. इसके पश्चात छात्राओ ने पुलिस बल के साथ नगर के बड़े चैराहे पर चेकिंग अभियान शुरू किया. जिसमें जिससे नगर में एक हलचल सी मच गयी बच्चो ने कई दोपहिया, चार पहिया वाहन चेक किया. जिसमें से 21 दो पहिया वाहनों का चालान किया गया और 2100 रूपये जुर्माने के रूप ने वसूले गए एवं कई वाहनों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, चार गाड़ियां सीज की गयी.
एक दिन की थानेदार पल्लवी अपने पूरे रो में थी. उन्होंने अपनी जिम्मेदारी की शुरुआत थाने में सफाई अभियान शुरू कर की. सबसे पहले झाड़ू उठाकर सफाई की फिर अपनी कुर्सी पर बैठकर सभी स्टाफ से परिचय किया. उसके बाद थाने में आये फरियादिओं से मुलाकात कर उनकी समस्या जानी. फिर अपने सहयोगी से घटना की स्तिथि समझकर उनको जन सुनवाई के दिन बुलाया.
खैराबाद की नई नवेली थानेदार स्मिता अवस्थी ने जाकर रोड पर चेकिंग भी शुरू की. चेकिंग के दौरान उन्होंने वाइक सवार दो लोग बिना हेलमेट लगाए पकड़े जो बाद में दो सो रूपये देने लागे जिस पर स्मिता का तमतमा गई और उनका पारा चढ़ गया. तुरंत ही उन्होंने वाइक का चालान कराया और कहा आज अगर मेरे पापा भी होते तो में यही करती जो अभी किया है.
रामकोट थाने की कमान संभालने वाली अंशुल मिश्र भी किसी से कम नहीं थी. थाने की कमान सँभालते ही पुरे जोशोखरोश में दिखी. तभी थाने में एक फरियादी नजर आया. जिसने कहा कि उसकी पत्नी के साथ छेड़ छाड़ की गई है. उन्होंने गाडी उठाई और गस्त करने के उद्देश्य से ग्रामीण के साथ इलाके में निकल गई. उसकी गाँव में जाकर समस्या सुनी और आरोपी को जमकर लताड़ लगाई.
इस पर जब पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि छात्राओं के मन में व्याप्त भय को निकालने के उद्देश्य से यह कार्य किया गया. ताकि बिना भय के छात्राएं आराम से स्कूल जाएँ और पढ़कर देश की तरक्की के लिए काम करें. हमारा मकसद है कि हर महिला बिना डर के घर से निकले और पुलिस को अपना मित्र समझे. जिससे कि एक नया माहौल बने जनता और पुलिस आपस में मित्रवत बनें ताकि अपराध मुक्त प्रदेश की रचना हो.