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नॉएडा के बाद सुल्तानपुर में इनकाउंटर पर उठा सवाल, क्या यादव होने पर गोली मारी गई?

नॉएडा के बाद सुल्तानपुर में इनकाउंटर पर उठा सवाल, क्या यादव होने पर गोली मारी गई?
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सुल्तानपुर जिले के कादीपुर थाना क्षेत्र के पाकड़पुर गांव के जंगल मे 25000 का इनामी बदमास चढ़ा पुलिस के हत्थे, ताबड़तोड़ फायरिंग में अपराधी अम्बुज यादव के पैर में लगी गोली, वहीं दूसरा अपराधी कल्लू पंडित पुलिस को चकमा देकर हुआ फरार हो गया, घायल अपराधी का जिला अस्पताल में चल रहा इलाज.
जब अपराधी अम्बुज यादव से डिस्टिक हास्पिटल में बात की गई तो उसका कहना है कि मैं कादीपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला हूँ. मैं दो महीने पूर्व से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ राजस्थान के हरिशन पुर गाँव मे रहकर भारत सिक्युरिटी फोर्स में नौकरी कर रहा था. वहाँ हमारी हाजरी आन कैमरा रिकार्डिंग है,और बीती 15 तारीख की शाम जब मैं अपने रूम पर आया तो क्राइम ब्रांच की टीम आजाद केशरी, निर्भय सिंह,संतोष शुक्ला के साथ दो लोग आये, हमारे ऊपर असलहा लगा कर कहे कि बोलना मत नही तो गोली मार देंगे. वहां से उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर ले आये,और 15 तारीख से मुझे 20 तारीख तक क्राइम ब्रांच के संतोष शुक्ला के ऑफिस में रखा गया,और कल शाम को मुझे देवेंद्र प्रताप सिंह,और के वी सिंह मुझे लेकर करौंदीकला थाने ले गए. आज सुबह कादीपुर से होते हुए पाकड़पुर स्थित एक जंगल मे ले गए और वहां उनके द्वारा एक फर्जी गाड़ी भी लाई गई थी. मुझसे कहा गया कि तुम यादव हो और बीजेपी सरकार है. पैर रख दो पैर में गोली मार दें, तुम्हारी जिंदगी बच जाएगी,और मेरे पैर में पुलिस टीम द्वारा गोली मार दी गई.
वहीं जब जिले के कप्तान अमित वर्मा से बात की गई तो पुलिस टीम का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस टीम को सूचना मिली कि दो अपराधी लूट की योजना बना रहे हैं. जब एस ओ कादीपुर मौके पर पहुंचे तो उन दोनों लड़कों ने पुलिस के ऊपर भी फायर झोंक दिया. जिससे एक कांस्टेबल घायल हो गया. जब पुलिस ने जवाबी कार्यवाही की तो अपराधी अम्बुज यादव के पैर में गोली लगी ,और इनका दूसरा साथी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. जब इनके बारे में जानकारी की गई तो पता चला कि ये हमारे जनपद के 25000 के इनामी बदमास हैं. इन दोनों के ऊपर लूट हत्या व डकैती के मुकदमे भी दर्ज हैं. लगभग ढाई महीने पहले इनके बारे में ये भी जानकारी मिली थी की अपराधी अम्बुज यादव कोर्ट में फर्जी बेल बॉन्ड बनवाकर फर्जी जमानतदार तैयार कराकर जेल से निकलने में सफल रहा था.
इनकाउंटर होने के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर डीडीसी कमला यादव ने इस इनकाउंटर को गलत ही बताया और कहा कि सिर्फ बैक वर्ड व छोटे वर्ग के लोगो को पुलिस अपना निशाना बना रही है सामान्य वर्ग को नही।

बड़ा सवाल तो ये उठता है कि जंहा एक तरफ योगी सरकार इनकाउंटर कि मुहिम छेड़ कर क्राइम को काम करने का आदेश पारित किया हुआ है तो दूसरी तरफ सुल्तानपुर में अपराधी कुछ और कह रहा है अपने बयान में तो दूसरी तरफ जिले के कप्तान कुछ और ही कह रहे है अपने बयान में, आखिर किस बात को सच कहा जाय पुलिस की जुबानी या फर्जी इनकाउंटर.
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