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यूपी राज्यसभा चुनाव की जंग हुई दिलचस्प, सभी को बड़े ट्विस्ट का इंतजार

Vikas Kumar
23 March 2018 7:52 AM GMT
यूपी राज्यसभा चुनाव की जंग हुई दिलचस्प, सभी को बड़े ट्विस्ट का इंतजार
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यूपी में राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प और दांवपेच वाला साबित होने जा रहा है। एक तरफ बीजेपी ने अपना नौवां उम्मीदवार जिताने के लिए बड़ा दांव चलते हुए विपक्षी खेमे में सेंध लगा दी है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए वोटिंग जारी है। राज्‍यसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार देने से मुकाबला रोचक हो गया है। वहीं यहां एक सीट पर जबरदस्त लड़ाई देखने को मिल रही है।

यूपी में चुनाव काफी दिलचस्प और दांवपेच वाला साबित होने जा रहा है। एक तरफ बीजेपी ने अपना नौवां उम्मीदवार जिताने के लिए बड़ा दांव चलते हुए विपक्षी खेमे में सेंध लगा दी है। वहीं नरेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने के बाद से मुकाबला और भी रोचक हो गया है।

इस चुनाव में बीजेपी की इस चाल ने सपा बसपा का गणित उलझा दिया है। बीजेपी के दो विधायकों वोट नहीं करेंगे। जिससे जीतने के लिए अब एक उम्मीदवार को 36 मत चाहिए। जिससे बीजेपी के नौवां उम्मीदवार के भी जितने की उम्मीद बढ़ गई है। सभी को चुनाव में 9वीं सीट के लिए किसी बड़े ट्विस्ट का इंतजार है।

इस बीच कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के ट्वीट से विपक्षी खेमे में हड़बड़ी मच गयी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'न मैं बदला हूँ, न मेरी राजनैतिक विचारधारा बदली है, 'मैं अखिलेश जी के साथ हूँ,' का ये अर्थ बिल्कुल नहीं कि मैं बसपा के साथ हूँ।

राजा भैया के बयान से ये साफ़ है की वो बसपा के पक्ष में वोट नहीं करेंगे। राज्यसभा चुनाव में राजा भैया के वोट पर सस्पेंस बना हुआ है। फिलहाल सभी पार्टी की निगाहें उनपर टिकी हुई है। अभी मतदान के लिए राजा भैया और उनके खास समर्थक और प्रतापगढ़ की बाबागंज सीट से निर्दलीय विधायक विनोद सरोज मतदान के लिए नहीं पहुंचे है।

राजा भैया के ट्वीट से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पहली वरीयता में उनका वोट सपा को जाएगा, लेकिन दूसरी वरीयता में उनका वोट बसपा उम्मीदवार को न जाकर बीजेपी को जा सकता है। वहीँ इससे पहले बीएसपी विधायक अनिल सिंह ने भी बीजेपी को वोट किया है।

यह चुनाव आगामी लोकसभा निर्वाचन के लिये सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों समाजवादी पार्टी और बसपा के गठबंधन की सम्भावनाओं के लिहाज से निर्णायक होगा। 10वीं सीट के लिए सपा-बसपा जोर आजमाइश में लगे है और उन्‍हें रालोद व कांग्रेस का साथ भी मिला है।

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