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चीफ प्राक्टर का फरमान असंवैधानिक और गैरकानूनी: अधिवक्ता विवेकशंकर तिवारी पूर्व अध्यक्ष दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसीबात बात पर लाठियां भांजने वाला बीएचयू का प्रॉक्टोरियल बोर्ड अस्पताल आने वाले मरीजो की जान से खिलवाड़ करते ही हैं,वहीं दूसरी ओर जरुरतमंदों को भी आपातकालीन सेवाओं से वंचित कर देते हैं।ऐसा ही तानाशाही का मामला सामने आया है।
बताया जा रहा है कि एंबुलेंस या निजी वाहनों में सवार मरीज तड़पता रहा,लेकिन अस्पताल जाने के लिए बीएचयू का सीरगेट पर तैनात गार्ड गेट नहीं खोलते। भले मरीज दर्द से छटपटाता रहे।
बिना पहचानपत्र के मरीज भी नहीं जा सकेंगे अस्पताल.....
महिला चीफ प्रॉक्टर रायना सिंह का विवादित फरमान सामने आया है।फोन पर बातचीत करने पर रायना सिंह ने कहा है कि गंभीर या साधारण मरीजों को लेकर आने वाला एंबुलेंस हो या निजी वाहन बिना पहचान पत्र के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
हार्ट अटैक,सड़क दुर्घटना में घायल,या पॉइजनिंग जैसे गंभीर मामलो में मरीज छटपटाते हुए भले दम तोड़ दे,लेकिन अस्पताल आप को जाने नही दिया जाएगा। जिंदगी और मौत से जूझ रहे मरीजो को भी आपातकालीन सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा।
एम्बुलेंस के लिए रोका गया था पूर्व राष्ट्रपति का काफिला
मिली जानकारी के अनुसार बेंगलुरु के त्रिनिटी क्षेत्र में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का एक कार्यक्रम था। सड़क मार्ग से राष्ट्रपति का काफिला आने के कारण ट्रैफिक को रोक दिया गया था। ट्रैफिक के बीच में एक एम्बुलेंस फंसी थी, जिसे आगे जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था। तभी मौके पर तैनात ट्रैफिक पुलिस अधिकारी एमएल निजलिंगप्पा ने सूझबूझ का परिचय देते हुए राष्ट्रपति के काफिले को रोक कर एम्बुलेंस को पास कराया गया था
चीफ प्राक्टर का फरमान असंवैधानिक और गैरकानूनी
दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता विवेकशंकर तिवारी ने बताया कि सामान्य या आपातकालीन चिकित्सा सेवा पर मरीज का कानूनी हक बनता है मरीज सीधे अस्पताल जा सकता है।पहचन पत्र के अभाव में मरीज को नहीं रोका जा सकता। चीफ प्राक्टर का फरमान असंवैधानिक और गैरकानूनी के साथ साथ मानवता के खिलाफ है।
दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी के पूर्व अध्यक्ष
अधिवक्ता विवेकशंकर तिवारी
शिव कुमार मिश्र
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