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50 वर्षो मे देश की लगभग 400 भाषायें हो जायेगीं समाप्त ?,भोजपुरी के लिए होगा PM और गृहमंत्री को ट्वीट

50 वर्षो मे देश की लगभग 400 भाषायें हो जायेगीं समाप्त ?,भोजपुरी के लिए होगा PM और गृहमंत्री को ट्वीट
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आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी : हाल मे ही आयी पीपुल्स लिंग्विस्टिक सर्वे आफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अगले 50 वर्षो मे देश की लगभग 400 भाषायें समाप्त हो जायेगीं। जबकी संयुक्त राष्ट्र ने भी माना है कि वर्तमान मे 42 भारतीय भाषाये संकटग्रस्त है, जिनके बोलने वालो की संख्या हजारो मे हो चुकी है। भाषायी रूप से ऐसे कठीन दौर मे संधर्ष करते हुये भोजपुरी भाषा तेजी से बढ़ रही है।
भोजपुरी बोलने वालो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी इस बात से वाकिफ है। तभी तो ये लोग भोजपुरी भाषी क्षेत्र मे जाते ही भोजपुरी मे भाषण आरम्भ करते है। अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (21 फरवरी) पर आयोजित ट्वीट कार्यक्रम के सम्बन्ध मे आज जन भोजपुरी मंच, वाराणसी की एक बैठक लंका स्थित मंच के कार्यालय पर हुई।
बैठक मे 21 फरवरी को आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा तय किया गया। बैठक मे शामिल लोगो ने भोजपुरी के लिये कार्य कर रहे व्यक्ति, संगठन व संस्थाओ से निवेदन किया की 21 फरवरी 2018 को प्रातः आठ बजे से भोजपुरी को आठवीं अनुसूची मे शामिल करने हेतु प्रधानमंत्री ( @narendramodi @PMOindia ) और गृहमंत्री ( @rajnathsingh @MHOindia ) को हैसटैग ( #Istandwithbhojpuri ) के साथ ट्वीट कर अपना समर्थन प्रदान करे। इस अभियान में दुनिया भर के भोजपुरी संगठनो को शामिल किया जा रहा है। जिससे हम अपनी एकजुटता और शक्ति का एहसास सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर सकेगें। बैठक में जन भोजपुरी मंच के संयोजक प्रो0 सदानंद शाही ने कहा कि 21 फरवरी 1952 को ढाका (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) मे मातृभाषा बांग्ला को लेकर विशाल धरना-प्रदर्शन हुआ था, जिसमे ढाका विश्वविद्यालय के कुछ छात्र मार दिये गये थे।
इसी भाषाई आन्दोलन का सम्मान करते हुये युनेस्को ने 1999 मे इस दिवस को अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप मे मनाने की घोषणा की ताकी मातृभाषाओ को संरक्षित किया जा सके। भाषा की यह लड़ाई न सिर्फ भोजपुरी के लिए है बल्कि भारतीय भाषाओ के सम्मान की लड़ाई है। सभी भोजपुरिया लोग, संगठन व संस्थाओ को एकजुट होकर आन्दोलन को सफल करना होगा! उन्होंने सोशल मीडिया पर मौजूद सभी भोजपुरी जनो से निवेदन किया की वे प्रतिदिन भोजपुरी मे एक पोस्ट अवश्य करे। पोस्ट मे स्वयं की रचना, प्रिय कवियों व लेखकों की रचना, भोजपुरी कहावत, मुहावरा, गीत-लोकगीत, लोककथा, किस्सा-कहानी इत्यादि कुछ भी हो सकता है। बैठक में डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार सिंह, धीरज कुमार गुप्ता, विश्वमौलि, कुमारी ममता, राणा अवधूत, विनोद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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