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वायरल अख़बार कटिंग ने खोली BHU डॉक्टर ओम शंकर की पोल..?

वायरल अख़बार कटिंग ने खोली BHU डॉक्टर ओम शंकर की पोल..?
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आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। जब कोई डॉक्टर अपने कर्म क्षेत्र और मर्यादाओं को भूलकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के अजीबोगरीब अलोकतांत्रिक और जातिवादी बात विचारो का प्रचार प्रसार करने लगे तो उसके मरीजो का भगवान ही मालिक है।
जी हां हम बात कर रहे है बीएचयू के डॉक्टर ओम शंकर की। आरोप है कि ओम शंकर शुरुआत में भ्रष्टाचार से लड़ने व वाराणसी में एम्स बनवाने की मांग का सपना दिखाकर सड़क पर उतरे। जिससे उनको कुछ जनसमर्थन भी मिला था।
आरोप है कि डॉक्टर ओम शंकर गरीबो,पिछड़े,और दलितों में अपनी पैठ बनाने के लिए अपनी जाति छिपाई ताकि लोगो मे भरम बना रहे कि डॉक्टर उन्ही की जाती के है। यही नही सोशल मीडिया को माध्यम बनाकर तमाम धार्मिक और जाति विभेद विचारो का प्रचार प्रसार करते है।डॉक्टर साहब के इन कार्यो से लोगो उन्हें समाजसेवी समझते थे और जानते थे कि ओम शंकर बिना किसी राजनीतिक लाभ के लोगो से जुड़े हुए है।
वायरल अखबार की एक कटिंग ने खोली पोल ?
सोशल मीडिया के माध्यम से अखबार की एक कटिंग की चर्चा बीएचयू परिसर और परिसर के बाहर जोरों पर है कि । वायरल अखबार की कटिंग 13 फरवरी 2012 की अमर उजाला अखबार की बताई जा रही है। अखबार में लिखा है कि बीएचयू कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉक्टर ओम शंकर यादव समाजसेवी संजय सिन्हा और उमा यादव ने सपा में शामिल होने की घोषणा की । अखिलेश यादव ने बकायदा तीनों लोगों को मंच से पार्टी में शामिल कराया।



पार्टी टिकट के लिए चर्चाओं में रहते है ओम शंकर ?

सूत्रों की माने तो डॉक्टर ओम शंकर लोगों में एक विश्वास जगाया, लोगों को समझाया कि वे भ्रष्टाचार और एम्स की मांग के लिए लड़ रहे हैं। जबकि परिसर में चर्चा है कि वो पार्टी टिकट के लिए चर्चाओं में रहकर अपना वोट बैंक तैयार कर रहे है।
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