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मंत्रोचारण के बीच केदारनाथ के खुले कपाट

मंत्रोचारण के बीच केदारनाथ के खुले कपाट
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भगवान आशुतोष के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट मंत्रोच्चारण के बाद रविवार सुबह छह बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए।
भगवान आशुतोष के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट मंत्रोच्चारण के बाद रविवार सुबह छह बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए। जिसके बाद गृह गर्भ में मौजूद स्वयंभू शिव लिंग को पूजा अर्चना की जाएगी। जिसमें करीब आधे घंटे का समय लगता है। इस पूजन के बाद आम श्रद्धालु भगवान केदार के दर्शन कर सकेंगे।

कपाटोद्घाटन के समय बाएं पट से उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल ने सबसे पहले दर्शन किए। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल भी इस मौके पर धाम में मौजूद रहे। इसके साथ आम श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुल गए।
केदारनाथ धाम के बाहर के कपाट आज रविवार को प्रात: 6.10 बजे विधि-विधान के साथ खोल दिए गए। लेकिन गर्भ गृह के कपाट 6 बजकर 15 मिनट पर ही खुले। सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर केदारनाथ रावल के नेतृत्व में पुरोहितों ने गर्भ गृह में प्रवेश किया। जिसके बाद धाम में साफ-सफाई की गई। साफ-सफाई के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। इस शुभ घड़ी का गवाह बनने के लिए शनिवार शाम तक करीब 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु धाम पहुंच चुके थे। रविवार को सुबह चार बजे से पूजन शुरू हो गया था।
इस दौरान धाम में हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। केदारनाथ यात्रा को लेकर इस बार खासा उत्साह बना हुआ है। शुक्रवार दोपहर बाद से ही गुप्तकाशी से गौरीकुंड तक काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके थे। शनिवार को केदारघाटी के बाजार तीर्थयात्रियों से गुलजार हो गए। इधर, शनिवार को गौरीकुंड के गौरी माई मंदिर में प्रात: सात बजे भगवान केदारनाथ की चल विग्रह डोली की मुख्य पुजारी गंगाधर लिंग ने विशेष पूजा-अर्चना की।



श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा केदारनाथ मंदिर को 20 कुंतल गेंदा के फूलों से सजाया गया है। चारों ओर बिजली की रंग-बिरंगी झालरें मंदिर की भव्यता को चार चांद लगा रही हैं। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि मंदिर को सजाने के लिए ऋषिकेश से 26 अप्रैल को फूल केदारनाथ पहुंचा दिए गए थे। फूलों के साथ बेलपत्री, आम और पीपल के पत्तों की माला का भी उपयोग किया गया है।

केदारनाथ में इस बार खास
-आदि, अनंत, शिव थीम पर लेजर शो का सात दिवसीय आयोजन
-यात्रा के पहले हफ्ते में धाम में 5000 श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास की व्यवस्था
-जीएमवीएन की हट्स में ठहर सकेंगे वीआईपी और वीवीआईपी
-सोनप्रयाग और सीतापुर की पार्किंग में एक हजार वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था
-केदारनाथ यात्रा पर पहुंच रहे श्रद्धालु गौरीकुंड में अपने पितरों को दे सकेंगे तर्पण
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