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हरियाणा हिंसा के बाद देशभर में मचा बवाल! सुप्रीम कोर्ट ने किया सरकार से सवाल? जवाब दो..Mewat Hinsa |

Shiv Kumar Mishra
3 Aug 2023 12:01 PM GMT
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Nationwide uproar after Haryana violence

, पिछले 3 महीने से मणिपुर जल रहा है और केंद्र सरकार की ओर से संसद में कोई बयान नहीं आया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अभी चेतावनी दी ही थी कि मणिपुर की आग रहस्यमय तरीके से हरियाणा तक चली आई। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पसंदीदा निवेश स्थल गुरुग्राम में एक मस्जिद को नष्ट कर दिया गया और एक मौलाना की हत्या हो गई। आग भड़की तो आज पूरी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के तमाम जगहों पर सांप्रदायिक प्रदर्शन किए गए। यह आग फैल रही है और बहुत तेजी से दिल्ली से सटे जिलो और दूसरे राज्यों को खतरे में डाल रही है। सवाल उठता है सवाल उठता है कि यह आग लगा कौन रहा है। क्या रातों-रात लोग एक दूसरे के खून के प्यासे ऐसे ही हो जाते हैं या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक साजिश काम कर रही है?

मैं आपको करीब 2 हफ्ते पीछे ले चलता हूं जब भारतीय जनता पार्टी और उसके मात्र संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से हरियाणा के करीब 100 नेताओं ने बाकायदा इस्तीफा दे दिया था। हमारे तमाम दर्शकों को शायद यह बात पता ना हो। करीब 2 साल से चला आ रहा राजपूतों और गुर्जरों के बीच इतिहास का झगड़ा 19 जुलाई को एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया था जब कैथल जिले में पुलिस के लाठीचार्ज के बाद राजपूत समुदाय खुलकर भाजपा की सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया था। यह इस्तीफे एक बड़े असंतोष की शुरुआत है जो न सिर्फ हरियाणा बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश को अपनी जद में लेने वाला था। दूसरी और राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत की विरासत को 13 साल बाद याद करने वाली भारतीय जनता पार्टी से भी राजपूतों की नाराजगी ने आग में घी का काम किया। चुनाव सिर पर हैं तो भारतीय जनता पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती थी कि राजपूत समुदाय का वोट बैंक बिगड़ जाए।

राजनीति में दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है भाजपा ने इसी फार्मूले पर गुर्जरों को पकड़ा और मणिपुर की आगचुनाव सिर पर हैं तो भारतीय जनता पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती थी कि राजपूत समुदाय का वोट बैंक बिगड़ जाए।

राजनीति में दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है भाजपा ने इसी फार्मूले पर गुर्जरों को पकड़ा और मणिपुर की आग को मेवात तक लाने की योजना में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद को अपना औजार बना लिया। मेवात यानी गुर्जरों की धरती यानी गौचरों की धरती यानी कृष्ण की धरती। बृज मंडल धार्मिक यात्रा सही मौका थी, यात्रा से ठीक पहले गायों की रक्षा करने के नाम पर निर्दोषों की हत्या करने वाले मोनू मानेसर ने यात्रा में शामिल होने का वीडियो जारी किया और यात्रा से ऐन पहले विश्व हिंदू परिषद के महासचिव ने एलान किया कि मेवात की धरती को संपूर्ण रूप से बदलना है।

इसके बाद जो कुछ भी हुआ और अब तक हो रहा है सब इतिहास है। यह कहानी वोट बैंक के लिए लोगों को जातियों में बांटने वाली भाजपा और अपने ऐतिहासिक गौरव के लिए पलटवार करने वाली उन्हीं जातियों को संभालने की भाजपा की कोशिशों से तैयार हुई है। भाजपा ने ऐसा भस्मासुर खड़ा कर दिया है जो खुद को जलाने पर आमादा है। वह जलेगा तो भाजपा भी जलेगी। इसी खेल में पहला और आसान शिकार बने हैं मुसलमान जो बरसों से मेवात में हिंदुओं के साथ मिलकर रहते आए थे। आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई है और चुनाव की मजबूरियां इस आग को हवा दे रही हैं। क्या होगा आगे और क्या है इस षड्यंत्र के पीछे आज हम विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

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