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CPI(M) में फंडिंग की भारी किल्लत, पार्टी कार्यालय को किराए पर दिया
Arun Mishra
11 Feb 2018 8:13 AM GMT
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सीपीएम ने अपने स्थानीय यूनिट को चलाने के पार्टी कार्यालय को भाड़े पर लगा दिया है।
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्ता गंवाने के बाद लगातार वित्तीय संकटों से जूझ रही वामपंथी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (सीपीएम) ने अपने स्थानीय यूनिट को चलाने के पार्टी कार्यालय को भाड़े पर लगा दिया है। सीपीएम को इस पार्टी कार्यालय के लिए 15,000 रुपये महीने भाड़े के रूप में मिलेगी।
सीपीएम कमेटी सदस्यों ने पूर्बा बर्द्धमान जिले के गुसकारा नगर निगम में तीन मंजिली इमारत को भाड़े पर दिया है जिसमें तीन कमरे, दो मीटिंग हॉल, बाथरूम और किचन भी हैं। बता दें कि इस पार्टी कार्यालय रबिन सेन भवन की स्थापना 1 मई 1999 को हुई थी।
सीपीएम कमेटी के सचिव नारायण चंद्र घोष ने कहा, 'हमने 15,000 रुपये प्रति महीने पर पार्टी कार्यालय को किराए पर देने का निर्णय लिया है।'
सीपीएम का पार्टी कार्यालय को किराए पर लगाना चौंकाने वाला है, क्योंकि पार्टी 2011 में तृणमूल कांग्रेस से हारने से पहले पश्चिम बंगाल में लगातार 34 सालों तक सत्ता में थी। हालांकि पार्टी को 2016 में भी हार का सामना करना पड़ा।
घोष ने कहा, 'बिल्डिंग को किराए पर लगाने का फैसला कमेटी के 422 सदस्यों की सर्वसम्मति से लिया गया था जिन्होंने 18 साल पहले बिल्डिंग के लिेए पैसे जुटाए थे, उन्होंने समर्थन दिया।'
घोष ने कहा कि पार्टी कार्यालय को चलाना मुश्किल हो रहा था। बिजली बिल और अन्य खर्च को चुकाना मुश्किल था। किराए से मिलने वाले पैसों को स्थानीय स्तर पर पार्टी को चलाने के लिए खर्च किए जाएंगे।
बिल्डिंग को स्वपन पाल नाम के व्यक्ति ने किराए पर लिया है। वे मार्क्स, ब्लादिमीर लेनिन और जोसेफ स्टालिन की तस्वीरों को हटाकर बिल्डिंग की मरम्मत करवा रहे हैं। स्थानीय टीएमसी नेताओं ने कहा है कि सीपीएम ने अपना जनाधार खो दिया है और पार्टी कार्यालय में कोई बैठने वाला नहीं है।
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