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कोलकाता (भाषा): पश्चिम बंगाल में इस वर्ष दुर्गा पूजा पंडालों ने 'नोटबंदी' को थीम बनाया है और इसके जरिए उस दौरान आम जनता को हुए कष्टों का दिखाने का प्रयास किया है।
पूर्वी कोलकाता के बेलीघाट क्षेत्र में पूजा का आयोजन करने वाली 'मित्र संघति' ने नोटबंदी को पंडाल की सजावट का विषय बनाया है और प्रचलन से बाहर हो चुके नोटों की करीब 30,000 प्रतिकृतियां प्रिंट कराई गईं हैं।
मित्र संघति के आयोजक प्रदीप कुमार नेमानी ने कहा कि पूजा पांडाल में प्रतिबंधित हो चुके 500 और हजार रुपये के नोटों का एक पेड़ बनाया गया है। इसमें नोटों के जरिये ही लोगों की आकृतियां भी बनायी गयी हैं, जो पैसों के पेड़ के पास खड़े हैं, लेकिन असहाय दिख रहे हैं, क्योंकि अब ये नोट किसी काम के नहीं हैं।
उन्होंने कहा, पैसा बचाने के लिये परंपरागत मिट्टी की गुल्लक दुर्गा की मूर्ति के निकट रखी जाएगी और नोटबंदी के कारण लोगों को पहुंची पीड़ा दिखाने के लिये आंसू भरी आखों वाला चेहरा प्रदर्शित किया जाएगा।
नेमानी ने कहा, ''नोटबंदी के कारण बहुत से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी हैं। लोगों के पास पैसा था, लेकिन नोटबंदी के बाद वह सिर्फ कागज का टुकड़ा रह गया। लोगों के खाते में पैसा था, लेकिन वह उसे निकालकर इस्तेमाल नहीं कर सकते थे।'' इसी प्रकार 24 उत्तर परगना जिले की पूजा समिति ने भी नोटबंदी को पंडाल की सजावट का विषय बनाया है। इसमें पंडाल के एक किनारे पर एटीएम मशीन की प्रतिकृति बनायी गयी है जिसमें पैसा नहीं है, जबकि पंडाल की दूसरी ओर 500 और दो हजार रुपये के नये नोट देने वाली दूसरी एटीएम मशीन बनायी गयी है।
इस पूजा पंडाल के आयोजक ने पीटीआई भाषा से कहा, ''हम इसके जरिये लोगों की वित्तीय स्थिति को दिखाना चाहते थे, कि लोगों को किस प्रकार पैसा निकालने के लिए घंटो लाइन में खड़ा रहना पड़ा।''
शिव कुमार मिश्र
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