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Archived
शांतिनिकेतन में पीएम मोदी बोले, यहां अतिथि नहीं आचार्य हूं, असुविधा के लिए मांगी माफ़ी
Arun Mishra
25 May 2018 10:14 AM GMT
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Prime Minister Narendra Modi (Photo : MIB)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा ले रहे हैं।
कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा कि मैं परंपरा को निभाने के लिए यहां आया हूं। मैं यहां का अतिथि नहीं आचार्य हूं। सबसे पहले तो यहां का चांसलर होने के नाते मैं आपसे एक बात की माफी मांगना चाहता हूं। जब मैं यहां आ रहा था तो मैंने कुछ छात्रों को इशारों में बात करते हुए देखा। वो मुझसे कह रहे थे कि यहां पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। मैं इस असुविधा के लिए आपके माफी मांगता हूं।
बता दें कि मोदी भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक 'बांग्लादेश भवन' का उद्घाटन किया। इस मौके पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी भारत आई। हसीन भी शांति निकेतन में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि मैं जब अभी कार से उतरकर मंच की तरफ आ रहा था तो सोच रहा था कि कभी इस भूमि के कण-कण पर गुरुदेव के कदम पड़े होंगे। कभी यहां उन्होंने महात्मा गांधी से चर्चा की होगी।
पीएम ने कहा कि शायद यह पहला मौका है जब किसी दीक्षांत समारोह में 2 देशों के प्रधानमंत्री पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीएम के साथ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना + भी पहुंचीं। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल और झारखंड के दौरे पर हैं।
शेख हसीना और प्रधानमंत्री बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया। यह भवन भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। इसे 25 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। पीएम और शेख हसीना एक द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश के करीब 150 प्रतिनिधि दीक्षांत समारोह और बांग्लादेश भवन के उद्घाटन के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्री उद्घाटन कार्यक्रम के खत्म होने के बाद दोपहर एक बजे बैठक करेंगे।
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