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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हुआ 'खूनी', 12 की मौत - केंद्र ने ममता से मांगी रिपोर्ट

Arun Mishra
14 May 2018 1:44 PM GMT
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हुआ खूनी, 12 की मौत - केंद्र ने ममता से मांगी रिपोर्ट
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गृह मंत्रालय ने हिंसा के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। वोटिंग के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कई इलाकों में जमकर खूनी संघर्ष हुआ। सोमवार शाम तक (पांच बजे तक) इन झड़पों में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय ने हिंसा के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। सुबह से ही मतदान के दौरान हिंसा की खबरें मिलनी शुरू हो गई थीं। वहीं, अलग-अलग स्थानों पर हुई झड़पों में दर्जनों लोग जख्मी हुए हैं।

इस बीच दोपहर दो बजे तक राज्य निर्वाचन आयोग को 500 शिकायतें मिल चुकी हैं। बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से बीजेपी में शामिल हुए मुकुल रॉय हिंसा के हालात पर राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात करने वाले हैं। नंदीग्राम में निर्दलीय उम्मीदवार के दो समर्थकों की झड़प के दौरान मौत हुई है। पटकेलबारी इलाके में टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक शाहिद शेख की जान चली गई। वहीं, नादिया जिले के नकासीपुरा में पोलिंग बूथ से लौट रहे टीएमसी कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई।

ताजा घटना में उत्तरी 24 परगना में एक बम धमाके में 20 लोग घायल हो गए। इससे पहले कूचबिहार में दो गुटों के बीच झड़प में 20 लोग घायल हो गए थे। राज्य के कई हिस्सों से बूथ कैप्चरिंग, वोटरों को धमकाने और बैलट इधर-उधर करने की घटनाएं सामने आ रही हैं।

उत्तरी 24 परगना के अमडंगा के साधनपुर में एक देसी बम फट गया। घटना में 20 लोग घायल हो गए। उधर, बीरपाड़ा से सामने आए एक विडियो में कथित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ता एक पोलिंग बूथ के बाहर लोगों को वोट डालने जाने से रोकते हुए दिख रहे हैं और भांगर में टीएमसी पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगे हैं।
अमडंगा के ही पांचपोटा में बम धमाके में एक सीपीएम कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। अमडंगा के कुलताली में एक टीएमसी कार्यकर्ता आरिफ गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उधर, उलुडंगा में बम धमाके में पांच लोग घायल हो गए।
इससे पहले शनिवार को कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के एक कार्यकर्ता देबू दास और उसकी पत्नी ऊषा दास को जलाकर मार डालने की घटना भी सामने आई है। बताया गया है कि उनके घर को आग लगा दी गई थी जिसमें दोनों की मौत हो गई। पार्टी ने घटना के लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है।
बंगाल के कूचबिहार में दो गुटों के बीच झड़प में करीब 20 लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों ने उन पर हमला करने का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। उन्होंने बताया, 'हम वहां वोट करने गए थे लेकिन टीएमसी के लोगों ने लाठियों से हम पर हमला कर दिया।' सभी घायलों को एमजेएन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

वहीं, टीएमसी कार्यकर्ता अनीरुल होसैन को कथित बीजेपी कार्यकर्ता ने गोली मार दी। घायल होसैन को गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। उधर, महीशकुची में बीजेपी पोलिंग एजेंट प्रभात अधिकारी को हमले में गंभीर रूप से घायल कर दिया गया।
कूचबिहार के ही बूथ नंबर 8/12 में पुलिस के सामने ममता सरकार में मंत्री रबींद्रनाथ घोष ने एक भारतीय जनता पार्टी समर्थक को थप्पड़ जड़ दिया। यही नहीं, वहां मौजूद घोष के समर्थकों की भीड़ और एक पुलिसकर्मी ने सुजीत कुमार दास नाम के समर्थक को बाहर किया।
घटना का विडियो सामने आने से घोष पर सवाल किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि घोष बूथ पर वोट डालने नहीं गए थे क्योंकि वह उस इलाके के निवासी भी नहीं हैं। ऐसे में उनकी वहां मौजूदगी और एक व्यक्ति को मारने को लेकर वह सवालों के घेरे में हैं।
यही नहीं, बीरपाड़ा में कुछ लोगों ने बूथ नंबर 14/79 पर जारी वोटिंग में व्यवधान डालने की कोशिश की। बताया गया है कि ये लोग कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ता थे। सामने आए एक विडियो में बड़ी संख्या में लोग वोटरों को बूथ के अंदर दाखिल होने से रोकते दिख रहे हैं।
उधर पश्चिम मिदनापुर में भी कथित टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को वोट डालने से रोके जाने की खबर है। उधर नाडिया जिले के शांतिपुर में एक बाहरी व्यक्ति को बूथ कैप्चरिंग करते हुए पाया गया तो भीड़ ने पीट-पीटकर उसकी जान ले ली।

गौरतलब है कि चुनाव के लिए नामांकन के समय से ही राज्य का अलग-अलग हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही थीं। इसके मद्देनजर चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है और असम, ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश से लगभग 1,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

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