अजब गजब

रूठे प्यार को मनाना है तो होली के मौके पर करे ये टोटके का प्रयोग

Sujeet Kumar Gupta
22 Feb 2020 9:52 AM GMT
रूठे प्यार को मनाना है तो होली के मौके पर करे ये टोटके का प्रयोग
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यदि आप भी किसी से प्यार करते हैं तो आप उसे होली के दिन आसानी से अपने वश में कर सकते हैं।

होली के त्योहार को रंगो और खुशियों को त्योहार कहा जाता है. लेकिन होली के त्योहार तंत्र, मंत्री की क्रियाओं और उनकी सिद्धि के लिए भी विशेष माना जाता है. होली का पर्व वर्ष 2020 से 10 मार्च 2020 को मनाया जाएगा. होली का दिन वशीकरण के लिए भी प्रमुख माना जाता है. यदि आप भी किसी से प्यार करते हैं तो आप उसे होली के दिन आसानी से अपने वश में कर सकते हैं।

यदि आप में से किसी का वैवाहिक जीवन कष्टमय चल रहा है तो आप होलिका दहन के दिन संध्या काल में एक गिलास पानी लें और मिश्री घोल लें और उसे अपने हाथ में लेकर होलिका की अग्नि की सात परिक्रमा करें और अपनी इच्छी बोल दें और ऊं ह्रीं ह्रीं फ्ऱीं मंत्र का 108 बार जाप करें और हर बार मंत्र बोलने के साथ उस पानी में फूंक मारें और उसे अपने जीवनसाथी का पिला दें. ऐसा करने से आपका जीवनसाथी आपसे बहुत ज्यादा प्रेम करने लगेगा. आपका शादीशुदा जीवन सुखमय हो जाएगा।

अगर आप किसी प्रेम से करते हैं और उसे अपने वश में करना चाहते हैं तो आप होलिका दहन के दिन सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें. उसके बात एक साफ गिलास में पानी लें और अपने दाहिनें हाथ में दो लौंग रखें. इसके बाद ऊं ह्रीं क्रीं मम वश्यं होलिकाये अमुकम करोतियं नम: मंत्र का उच्चारण करें. अस मंत्र में अमुकम की जगह आपने अपने प्रेमी का नाम लें. इसके बाद पानी के गिलास में लौंग डालकर उसे किसी गुप्त स्थान पर रख दें. इसके बाद शाम के समय एक पान के पत्ते पर सुपारी और पानी के गिलास की लौंग को होलिका में अर्पित कर दें और पानी को भी होलिका पर ही अर्पित कर दें. ऐसा करने से आपका प्रेमी आपके प्यार में पागल हो जाएगा.

अगर आप अपने शत्रुओं से परेशान हैं तो आपको होली की रात्रि को 12 से 3 बजे तक के बीच में एक आटे का पेड़ा बना लें और 21 फूल वाली लौंग लें. इसके बाद ऊं नमो भगवते रुद्रायं मृतार्क मध्ये संस्थितायं मम शरीरं मृंत कुरु कुरु स्वाहा मंत्र जाप करते समय एक-एक लौंग उस पेड़े पर लगा दें. इसके बाद उस पेड़े को होलिका की अग्नि में अर्पित कर दें और अपने शत्रु से छुटकारा पाने की प्रार्थना करें और चुपचाप अपने घर पर जाएं.

यदि आपकी अपने सास से नहीं जमती है और आपके बीच अक्सर झगड़ा होता रहता है. होलिका दहन के बाद उसकी राख को अपने घर में ले आएं और उसके बाद अपनी सास के पैर में छुकर उस राख को उनके पैरों पर लगा दें. इसके बाद उसी होलिका की राख को अपनी अनामिका ऊंगली से अपने सिर, गर्दन और शरीर की अन्य जगहों पर लगा लें. ऐसा करने से आपकी सास और आपके बीच के झगड़े हमेशा के लिए समाप्त जाएंगे.

अगर आपकी अपने बॉस या मालिक के साथ बिल्कुल भी नहीं बनती है तो होलिका दहन के बाद उसकी राख को एक कटोरी में लाएं और उसके बाद रात को एक बजे एक सफेद कागज पर अपने बॉस का नाम और उसकी उम्र लिख दें और दूसरे कागज पर अपना नाम और उम्र लिख दें, उन दोनों कागजों को लाल धागे से एक साथ बांध देना है. इसके बाद उस कागज को राख वाली कटोरी में डालकर नारियल तेल मिक्स कर देना है. इसके बाद इसका लड्डू बनाकर उसी समय होलिका की राख के पास जाकर रख दें. ऐसा करने से आपका बॉस आपकी हर बात मानेगा।

होली के पावन दिन एक थाली में कूंक, चावल, अगरबत्ती, एक कलश में शुद्ध जल रखकर कोरे वस्त्र पहनकर काली हल्दी के पौधे के पास जाकर उस पर शुद्ध जल डालें, कूंक और पीले चावल चढ़ाकर उसके आगे 5 अगरबत्ती लगाएं. इसके बाद होली दहन से पहले एक लोटा जल चढ़ाएं और अपनी इच्छा बोल दें. इसके बाद उस काली हल्दी की जड़ को अपने घर में ले आएं. इसके बाद उस काली हल्दी को पीसकर उसका लेप बनाकर लें. इसके बाद आप जब भी इसका तिलक करके किसी के सामने जाएंगे वह आपके ऊपर वशीभूत हो जाएगा,

यदि आप किसी को हद से ज्यादा चाहते हैं और उसे अपने वश में करना चाहते हैं तो आप एक कटोरी पीला लाल गुलाल और दूसरी कटोरी में हल्दी लें इसके बाद एक तीसरी कटोरी लें और एक चुटकी गुलाल लेकर खाली कटोरी में ऊं आद्र स्त्राय अमुख कुरू कुरू स्वाहा: मंत्र का जाप करते हुए कटोरी में डाल दें. इसके बाद उस कटोरी में हल्दी भी डाल दें. ऐसा आपको 151 बार करना है. इसके बाद होली की आग में इसे डाल दें और अपनी इच्छा बोल दें.

अगर आप किसी स्त्री या पुरुष को अपने वश में करना चाहते हैं तो आप पहले होली के दिन लकड़ियां जला लें और इसके बाद जिसे वश में करना चाहते हैं. इसकी तस्वीर ले लें और अग्नि की सात बार परिक्रमा करके दो पीपल के पत्ते लें और एक पर अपना और दूसरे पर जिसे आप वश में करना चाहते हैं उसका नाम लिखें. फिर इसके बाद एक मिट्टी की हांडी में उन दोनों पान के पत्तों को रखकर किसी मिट्टी की हांडी में डालकर ऊं नमो भगवतीमातंगेश्वरी सव्रमुखरंजिनी, सर्वेश महामाये मातंगी कुमारी के नंद-नंद जिह्वे अमुकं स्वयं कुरू स्वाहा मंत्र का 108 बार उच्चारण करें और शमशान में रख आएं

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