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अगर दिल्ली का सीएम भी बन गया तो भी नहीं छोडूंगा गीत गाना, मेरी आवाज ही मेरी पहचान है : मनोज तिवारी
कुंज बिहारी मिश्रा की रिपोर्ट
गोपालगंज : मैं अगर दिल्ली का मुख्यमंत्री भी बन गया तो भी नहीं छोडूंगा गीत गाना। यही मेरी पहचान है और इसी से मैं आज इस मुकाम पर हूँ। उक्त उदगार सांसद और मशहूर गायक मनोज तिवारी ने गोपालगंज के सिंहासिनी महोत्सव में व्यक्त की। अपने संघर्ष के दिनों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक छोटे से गांव का गरीब परिवार का लड़का आज यहाँ तक पहुंचा है तो दर्शकों के मान- सम्मान और आशीर्वाद से। उन्होंने कहा कि संगीत ही मेरी जान और पहचान है।
दर्शकों की भारी भीड़ से भावविह्वल मनोज तिवारी ने कहा कि बिहार कि मिट्टी में जन्मा हूं और यहाँ का काफी कर्ज है।उन्होंने कहा कि गोपालगंज माता थावे भवानी की धरती है और मैं थावे भवानी के आशीर्वाद से काफी नाम कमाया है।थावे भवानी और इस मिट्टी का मुझ पर काफी कर्ज है और जब जब हमको इस जिला के लोग याद करेंगे तो मिट्टी का कर्ज चुकाने आता रहूँगा।
हालांकि इस बात का जिक्र इससे पहले मंच साझा करते हुए विधायक मिथिलेश तिवारी ने भी लोगों के बीच बताया कि मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के बाद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के पास गया था, उनसे कहा कि आप दिल्ली के मुख्यमंत्री हो जाइएगा तो आप का गीत बिहारवासी नहीं सुन पाएंगे तो उन्होंने सीधे लफ्जों में कहा था कि मेरी पहचान इस गीत से है, मैं मुख्यमंत्री भी हो जाऊंगा तो गाना नहीं छोडूंगा ।
इससे पूर्व इस महोत्सव का विधिवत उद्घाटन विधायक मिथिलेश तिवारी व मनोज तिवारी ने दीप प्रज्वलित करते हुए की।
अपने संबोधन में मिथिलेश तिवारी ने कहा कि सिंहासनी महोत्सव कार्यक्रम थावे महोत्सव की तरह बैकुंठपुर में पहली बार आयोजन किया गया है ।सावन पर्व को लेकर भक्तों की भारी भीड़ इस धाम की शोभा बढ़ाती है ।यह धाम सावन माह में पूरी तरह भक्ति में रंग में रंग जाता है .प्राचीन काल से इस धाम पर भक्तों द्वारा पूजा अर्चना की जाती है.अब इसके विकास कस लिए प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम में एनडीए के सभी नेता रहे उपस्थित
बिहार में जिस प्रकार जदयू भाजपा को लेकर टीका टिप्पणी देखी जा रही है, वैसा इस मंच पर कुछ नहीं दिखा ।जदयू के पूर्व विधायक मंजीत सिंह ,बिहार सरकार के कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे। हालांकि मंच साझा करते हुए पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने उपस्थित भीड़ के सामने बताया कि यह धाम का न्यू महाभारत काल में पांडवों ने रखी थी तब से लेकर अब तक यह धाम बिहार में विख्यात है।
क्या कहा कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने
कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने गोपालगंज के जिलाधिकारी को कहा कि ऐसे ऐतिहासिक,धार्मिक स्थलों की घेराबंदी करायी जाय और यदि भूखंड का दिक्कत हो तो वहां भू -अधिग्रहण कर विकास किया जाय ताकि पर्यटन को बिहार में बढ़ावा मिले।
मनोज तिवारी की गीतों पर झूमने को विवश हुए श्रोता
मंच पर आते ही तालियों की गड़गड़ाहट से खुश मनोज तिवारी ने एक के बाद एक भक्ति गीतों की बरसात लोगों के बीच करते चले गए हैं और उपस्थित भारी भीड़ देर रात तक झूमती रही।
महोत्सव के उद्घाटन के बाद भोजपुरी गीतों के गायक मनोज तिवारी ने जैसे ही मंच संभाला श्रोता उनकी गीतों पर झूमने को विवश हो गए। मनोज तिवारी द्वारा गए गए गीत ममतामयी दरबार बा, लरिका दुअरिया खड़ा तोहार बा की प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियां बजाई। कार्यक्रम के दौरान बच्चा-बच्चा पूरा हिदुस्तान चाहता, हमारा देश के हिदू चाहे मुसलमान चाहता, कांच ही बांस के बहंगिया, कांवर लचकत जा, जीअ हो बिहार के लाला, जय हो गोपालगंज के बाला, 'तू जीय हो 10 हजार साल', 'निमिया के डाढ़ मइया, खेले लू झुलुअवा की झूली झूली ना', 'ए दरोगा बाबू , आई लव यू, आई लव यू की लोगों ने खूब सराहना की। इस मौके पर गायिका राजनंदिनी की प्रस्तुति किसने सजाया, तेरा भवन, बड़ा प्यारा लागे, बड़ा सुंदर लागे तथा आमवा महुअवा झूमे डलिया, तानी ताक ना बलमुवा हमार ओरिया की भी लोगों ने खूब सराहना की।