पटना

लोक-पत्र बेल पत्र हो गया है, तो बेरोजगार नौजवानों को हिन्दू मुस्लिम की फ़ैक्ट्री में डाल दिया गया

रवीश कुमार
25 Dec 2019 4:04 AM GMT
लोक-पत्र बेल पत्र हो गया है, तो बेरोजगार नौजवानों को हिन्दू मुस्लिम की फ़ैक्ट्री में डाल दिया गया
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ट्विटर मंत्री सुशील मोदी को बताइये BPSSC का हाल


लोक पत्र बेल पत्र हो गया है। लोग अपना हाल लिख कर यहाँ से वहाँ भेजे जा रहे हैं। इस टी वी से उस टीवी। इस अख़बार से उस अखबार। इस पत्रकार से उस पत्रकार। इस पीएम से उस सी एम। हो कुछ नहीं रहा। नौजवानों को हिन्दू मुस्लिम की फ़ैक्ट्री में डाल दिया गया है। उनकी जवानी साबुनदानी हो गई है। इस सांप्रदायिकता का अहंकार इतना बड़ा हो गया है कि नागरिकता क़ानून का विरोध करने पर सैंकड़ों लोगों को जेल में ठूँस दिया गया। इस भरोसे में इन्हें प्रधानमंत्री ने अर्बन नक्सल कहा है और मुसलमान होने या उनके हिमायती होने से हिन्दू वोट मज़बूत हुआ है। यह समझ कितनी छोटी है। आप बीजेपी के समर्थक रहें ख़ुशी ख़ुशी लेकिन आपको सांप्रदायिकता के ज़हर से निकलना ही होगा। हिन्दू मुस्लिम कार्ड का इस्तमाल आपके हितों के ख़िलाफ़ हो रहा है।

पढ़िए इस पत्र को। राज्य व्यवस्था की सड़न का नमूना है। आप ट्विटर पर सुशील मोदी को दिन में दस बार देखते होंगे। उनके पास उप मुख्यमंत्री होते हुए बहुत ख़ाली वक्त है। आई टी सेल और ए बी वी पी से कहिए कि ऐसे खलिहर मंत्रियों के पास इस तरह के काम लेकर जाएँ। ताकि वे जनता का कुछ काम करें। कम से कम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग कर ट्विट कर दें।

पत्र इस प्रकार है:

Bssc द्वारा 2014 में एक vancay निकलती है इंटर लेवल पर 13120 सीट के लिए18 लाख से ऊपर लोग इस फॉर्म को भरते है फीस रखी जाती है 300rs उसके बाद 2017 में exm होता है questio आउट होने के कारण exm को कैंसिल कर दिया जाता है वो भी काफी हो हंगमा के बाद फिर से 8,9,10 दिसंबर 2018 को exm होता है और अभी तक इसका रिजल्ट का कुछ आता पता नहीं है हमलोग ने कई बार bssc ऑफिस जाकर धरना भी किया मगर कोई असर नहीं हुआ सिर्फ बार बार ये कहा के भागा दिया जाता था कि टेक्निकल इश्यू के कारण रिजल्ट नहीं आ पा रहा है और तो अब ऑफिस कॉल v करते है तो कोई रिसीव नहीं करता कॉल करके हम लोग परेशान हो गए है

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रवीश कुमार

रवीश कुमार

रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।

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