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बिहार का एक ऐसा गांव जहां हर मां चाहती देश की रक्षा करे उनका लाल
पटना (शिवानंद गिरि) : बिहार में राष्ट्रभक्ति का जज्बा देखनी हो तो पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा जरूर आइये। इस गांव के हर दूसरे घर में सेना के जवान मिलते हैं। यहां की हर मां चाहती है कि देश की सीमा पर उसका लाल जाए। यही कारण है कि यहां के तकरीबन 250 युवा सेना की विभिन्न इकाइयों में काम कर रहे।
ये कहानी है पूर्वी चंपारण के बंधु बरवां गांव तीन भागों (बंधु बरवा पूर्वी, पश्चिमी और मध्य) में बंटा है। तकरीबन चार हजार आबादी वाले इस गांव के 200 घरों के बेटे देश की सीमा पर हैं। यहां के युवा दूसरी नौकरी में जाने की जगह सेना में बहाल होने की तैयारी करते हैं। सुबह के समय गांव में इसकी तैयारी करते दिख जाते हैं।
इस गांव में प्रवेश करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर के कारगिल में शहीद गिरीशनंदन पांडेय के इकलौते पुत्र आलोक कुमार पांडेय का अधूरा स्मारक दिखता है। घर का नाम 'शहीद आलोक भवनÓ इस बात को पुख्ता करता है कि अपने लाल की शहादत पर मां को कितना गर्व है। गिरीशनंदन पांडेय तब सरपंच थे। उन्होंने खुद नियमों के तहत गांव के अन्य युवाओं के साथ-साथ सेना में पुत्र की भर्ती के लिए आचरण प्रमाणपत्र के फार्मेट पर हस्ताक्षर किए थे। कहते हैं, इकलौते पुत्र की शहादत पर गर्व है। अब तो शहीद आलोक के बड़े पुत्र गौरव कुमार भी आर्मी के इंजीनियङ्क्षरग कोर में काम कर रहे।
वाजपेयी को परेड की सलामी दिलानेवाले चालक भी इसी गांव के
न सिर्फ यह गांव देश की सीमा पर अपने बेटों को तैनात कर गौरवान्वित होता है। बल्कि, यहां के लाल सेवानिवृत्त सूबेदार यशवंत ङ्क्षसह ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिल्ली के लाल किले पर 15 अगस्त 2002 को आयोजित परेड की सलामी के लिए सजी जीप पर घुमाया था। उनके बड़े पुत्र सर्वेष कुमार ङ्क्षसह आर्मी में नायक के पद पर जम्मू-कश्मीर के बारामूला में तैनात हैं। छोटे शत्रुजीत कुमार ङ्क्षसह लायंस नायक के पद पर अरुणाचल प्रदेश में कार्यरत हैं। वह कहते हैं, बड़े पुत्र ने खुद से सेना की नौकरी पा ली। छोटे को ट्रेंड कर भेजा। गांव में देश के लिए नायक पैदा करना परंपरा है। हमारा सौभाग्य है कि सीमा की सुरक्षा के साथ भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की सेवा का मौका मिला। हमारा गांव देश को समर्पित है।
पूर्वी चंपारण सुगौली के विधायक रामचंद्र सहनी ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र का यह गांव देश की सुरक्षा के लिए जाना जाता है। शहीद आलोक पांडेय के स्मारक स्थल का विकास करेंगे। गांव की सड़कें काफी हद तक ठीक हो चुकी हैं। जहां खराब हैं, उसे ठीक करेंगे। इसे मॉडल गांव बनाएंगे।