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व्यवस्था ऐसी की परिंदा भी पर नही मार सकें, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से भी ज्यादा थी अनंत सिंह की सुरक्षा व्यवस्था
पटना से शिवानन्द की खास रिपोर्ट
पटना : बिहार पुलिस अनंत सिंह के मामले में किस कदर सतर्क थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया इस सकता है कि किसी वीआईपी की सुरक्षा में भी उतने पुलिसकर्मियों की तैनाती नही की गई जाती।
आइये ऐसे समझे,पहले पांच एसपी, चार एएसपी ,5 DSP और 29 थानाध्यक्ष. 50 से ज्यादा दूसरे पुलिस पदाधिकारी और तकरीबन एक हजार पुलिस के हथियार बंद जवान. पुलिस की 100 से ज्यादा गाड़ियां. और फिर दंगा निरोधक दस्ते के जवानों की एक पूरी कंपनी ये सभी उस छोटे सरकार के लिए थी जिसे कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हाथ जोड़ते थे।
बिहार पुलिस की अनंत सिंह के लिए किया गया व्यवस्था देख बिहार के मीडियाकर्मी भी भोंचक थे।
अब देखिए पटना पुलिस की उन तैयारियों को जो अलग अलाव जगह पर किये गए थे।
पटना पुलिस के दो ASP अनंत सिंह को दिल्ली से फ्लाइट में साथ लेकर आये. एयरपोर्ट पर प्लेन के ठीक नीचे पुलिस की गाड़ी खड़ी थी. एयरपोर्ट के अंदर सिर्फ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की गाड़ी जाती थी. बिहार पुलिस ने अनंत सिंह के लिए रनवे तक गाड़ी भेजी. अब उसके बाद का इंतजाम क्रमवार जानिये।
अनंत सिंह को ले जाने के लिए दो कैदी वैन तैयार थे. एक में 20 सिपाहियों के साथ मसौढ़ी के थानेदार मौजूद थे. दूसरे वैन में पुलिस इंस्पेक्टर तारकेश्वर नाथ तिवारी भी 20 जवानों के साथ मौजूद थे.
-कैदी वैन के स्कार्ट के लिए फुलवारी शरीफ के डीएसपी संजय कुमार पांडेय सिपाहियों की पूरी पलटन के साथ मौजूद थे. उनके साथ तीन थानों के थानाध्यक्ष अपनी गाड़ी और सिपाही के साथ तैनात थे. राजीवनगर, शास्त्रीनगर और बुद्धाकॉलोनी के थानेदार अपनी गाड़ी में सिपाहियों को भर कर स्कार्ट में लगे रहे।
अनंत सिंह को ले जाने वाले कैदी वैन के स्कार्ट के लिए पुलिस की बड़ी गाड़ी में दंगा निरोधी कंपनी के 16 सिपाहियों के साथ इंस्पेक्टर सुधीर कुमार अलग से तैनात थे.
पटना एयरपोर्ट के गेट पर ASP पटना सिटी, DSP पटना मुख्यालय, DSP पीसीआर, DSP पुलिस लाइन के साथ बेऊर और नौबतपुर के थानेदार तैनात थे. सब के साथ पुलिसकर्मियों की टीम तो थी ही, पुलिस से 42 जवानों को अलग से तैनात किया गया था.
हवाई अड्डे के बाहरी गेट पर थानाध्यक्ष नेऊरा, थानाध्यक्ष शाहपुर और थानाध्यक्ष जानीपुर तैनात थे. उनके साथ अपने थाने की पुलिस तो थी ही, पुलिस लाइन से भी 20 सिपाहियों को भेजा गया था.
हवाई अड्डे के बाद भी व्यवस्था ऐसी थी कि परिंदा पर नही मार सके. पटेल गोलंबर यानि लोजपा ऑफिस के पास सुल्तानगंज के थानेदार 20 से ज्यादा सिपाहियों के साथ तैनात थे. इसीतरह सचिवालय के बिरसा मुंडा चौक के पास सचिवालय थाने के थानेदार के साथ सिपाहियों की इतनी ही बड़ी टीम थी. आर ब्लॉक पर अलग से 10 सिपाहियों के साथ एक सब इंस्पेक्टर की तैनाती थी.
ये कहना बिल्कुल गलत नही होगा कि पटना के लगभग हर थानेदार को इसी काम में लगा दिया गया था. पूरे रास्ते सचिवालय, जक्कनपुर, पत्रकारनगर, कंकड़बाग, अगमकुआं, बाइपास, दीदारगंज, फतुहा, खुसरूपुर, बख्तियारपु, अथमलगोला और बाढ़ थाने के थानेदार भारी तादाद में पुलिस बल के साथ गश्ती कर रहे थे.
एयरपोर्ट से बाढ़ के रास्ते में कई स्थानों पर सुरक्षा के ज्यादा प्रबंध थे. दीदारगंज टोल प्लाजा, बख्तियारपुर चौक, अथमलगोला चौक पर पुलिस पदाधिकारियों के साथ 20-20 हथियारबंद जवानों को तैनात किया गया था.
अब आयें बाढ़ ई सुरक्षा व्यवस्था पर गौर किया जाय। छोटे सरकार का डर। कहें या फिर कुछ औऱ बिहार पुलिस ने बाढ़ कोर्ट को तो पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था. बाढ़ कोर्ट की सुरक्षा के प्रभारी फतुहा के ASP थे. उनके साथ शाहजहांपुर, दनियावां, मालसलामी और सालिमपुर के थानेदार अपने अपने थानों की पुलिस के साथ मौजूद थे. बाढ़ कोर्ट की सुरक्षा के लिए पुलिस लाइन से 150 लाठीधारी जवानों को भेजा गया था.
अनंत सिंह की सुरक्षा पटना के चार एसपी कर रहे थे. पटना के ट्रैफिक एसपी खुद घूम कर ट्रैफिक ठीक करा रहे थे, सिटी एसपी मध्य, सिटी एसपी पूर्वी और सिटी एसपी पश्चिमी के साथ साथ ग्रामीण एसपी को भी घूम घूम कर सुरक्षा व्यवस्था देखने का जिम्मा दिया गया था.
अनंत सिंह के प्लेन से उतरने के बाद से लेकर बाढ़ कोर्ट में पेश होने तक के हर क्षण की वीडियोग्राफी हो रही थी. पुलिस ने कम से कम पांच वीडियो कैमरों को अनंत सिंह के साथ तैनात कर रखा था.
बाढ़ कोर्ट में पेशी के बाद बेऊर जेल लाये जाने के दौरान भी इसी तरह की व्यवस्था की गयी थी.
बहरहाल,जितनी चर्चा अनंत के बफह कोर्ट में पेशी की चल रही है उससे कम नही पुलिस जवानों की तैनाती की भी।जितने मुह उतनी बातें,सब ऐसे में इस प्रकरण को लोग अपने तरीके से व्याख्या करने में जुटें हैं।