पटना

बिहार में CAA पर जदयू में पड़ी दरार बन रही है खाई, नीतीश कुमार ने गुस्से में कही ये बात!

Shiv Kumar Mishra
23 Jan 2020 5:55 AM GMT
बिहार में CAA पर जदयू में पड़ी दरार बन रही है खाई, नीतीश कुमार ने गुस्से में कही ये बात!
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पवन वर्मा ने शालीन भाषा में बेहद तल्ख अंदाज में पत्र लिखा था। उन्होंने नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए लिखा था, 'महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए आपने आरएसएस मुक्त भारत का नारा दिया था।

पटना:नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर जेडीयू में दरार खुलकर सामने आ गई है। पार्टी महासचिव पवन कुमार वर्मा के लंबा पत्र लिखकर जवाब मांगने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पवन किसी भी पार्टी में जाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है। इसे नीतीश कुमार के अपने नेताओं को अल्टिमेटम की तरह देखा जा रहा है, जो पिछले कई दिनों से सीएए और एनआरसी को लेकर सवाल कर रहे हैं।

पवन कुमार वर्मा की चिट्ठी पर पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'वह किसी भी पार्टी में जा सकते हैं। लेकिन सार्वजनिक रूप से इस तरह के बयान हैरान करने वाले हैं।' नीतीश ने कहा, 'कुछ लोगों के बयान पर मत जाइए, हमारा रुख साफ है। मैं किसी के बयान से प्रभावित नहीं होता हूं।' बता दें कि जेडीयू नेता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अलावा दिल्ली चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर नीतीश कुमार से विस्तृत बयान देने की मांग की थी।

नीतीश को खत लिखकर मांगा था जवाब

पवन वर्मा ने जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार को पत्र लिखकर दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने पटना हवाई अड्डे पर कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के मद्देनजर पार्टी द्वारा वैचारिक स्पष्टता की जरूरत है। नीतीश को लिखे दो पेज के लेटर को ट्विटर पर साझा करते हुए पवन ने कहा था, 'लेटर के माध्यम से मैंने पूछा है कि विभाजनकारी सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बावजूद जेडीयू ने दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी के साथ कैसे गठबंधन किया।'

पवन ने कहा था कि नीतीश कुमार ने कहा है कि एनआरसी को बिहार में लागू नहीं किया जाएगा, जबकि उन्होंने माना है कि एनपीआर और सीएए पर और चर्चा किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अपने पत्र का जिक्र करते हुए कहा था, 'वह (नीतीश) विस्तृत बयान दें, जिससे विचारधारा स्पष्ट हो। बीजेपी के साथ लंबे समय से गठबंधन करने वाली पुरानी पार्टी अकाली दल ने इस कानून (सीएए) की वजह से दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं किया तो जेडीयू के आगे ऐसा करने की क्या जरूरत थी?'

नीतीश को दिलाई थी RSS मुक्त भारत के नारे की याद

पवन वर्मा ने शालीन भाषा में बेहद तल्ख अंदाज में पत्र लिखा था। उन्होंने नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए लिखा था, 'महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए आपने आरएसएस मुक्त भारत का नारा दिया था। 2017 में फिर से बीजेपी के साथ जाने के बावजूद भी आप व्यक्तिगत स्तर पर मानते रहे थे कि बीजेपी के विचारों में कोई परिवर्तन नहीं आया है। आपके निजी विचार जो मुझ तक पहुंचे उसमें यही संदेश था कि बीजेपी ने संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने का काम किया है।'

प्रशांत किशोर ने भी उठाए थे सीएए को लेकर सवाल

बता दें कि जेडीयू में प्रशांत किशोर को शामिल करने और उनकी ताकत बढ़ाने के पीछे पवन वर्मा को ही माना जाता है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा आम है कि जेडीयू के कई नेता प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने पर सहमत नहीं थे, लेकिन वर्मा ने उस वक्त उनका साथ दिया। हालांकि, इस वक्त खुद वर्मा और प्रशांत किशोर दोनों ही पार्टी में हाशिये पर चल रहे हैं। प्रशांत किशोर की कंपनी ने तो अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के चुनाव प्रचार का जिम्मा भी संभाल रखा है।

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