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वोट के लिए कुछ लोग देश में स्कूल-अस्पताल खोलने के बजाय श्मशान और कब्रिस्तान की बात करते है - कन्हैया कुमार
शिवानंद गिरी
लूटतंत्र, भीड़तंत्र और नोटतंत्र के खिलाफ लोकतंत्र की लड़ाई में पूरे देश की नजर बेगूसराय पर टिकी हुई है। उन्होंने जनता से 26 अप्रैल को बेगूसराय के ट्रैफिक चौक पर शाम पाँच बजे मिलने की अपील करते हुए कहा कि अब तमाम जनविरोधी ताकतों को साफ शब्दों में यह बता देने का समय आ गया है कि देश इस बार जुमलेबाजों और नफरत फैलाने वालों की चाल में नहीं फंसने वाला है।
सीपीआई उम्मीदवार ने अपने जनसंपर्क कार्यक्रमों में जनता को फर्जी राष्ट्रवाद के दम पर सत्ता में आने वाले नेताओं से सावधान रहने की अपील की। उन्होंने मरा कहां कि देश से प्यार करने का मतलब किसी देश या धर्म के लोगों को गाली देना नहीं होता, बल्कि इसका मतलब होता है कि आपको जितनी चिंता अपने परिवार की है उतनी ही चिंता इस बात की होगी कि आपके शहर के अस्पताल में बच्चे कहीं दवा या ऑक्सीजन की कमी के कारण मर तो नहीं रहे हैं या स्कूल-कॉलेज में शिक्षकों या बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण देश के युवा परेशान तो नहीं हो रहे हैं। मेरे लिए देशप्रेमी होने का मतलब है संसद तक यह बात पहुँचाना कि बेगूसराय के किसानों को कोल्ड स्टोरेज की कमी के कारण हर साल आर्थिक नुकसान सहना पड़ता है या समाज का ध्यान इस बात की तरफ दिलाना कि मेरे शहर या देश के कई किसानों को फसल की बीमा राशि नहीं मिल पाती है।
मेरा राष्ट्रवाद मुझे अपने शहर के उन युवाओं की तकलीफ समझने की सीख देता है जो शहर में अच्छे कॉलेजों या कल-कारखानों की कमी के कारण गरीबी और अपमान का सामना करते हुए अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई जारी रखने या रोजगार पाने का संघर्ष करते हैं। देश में शिक्षकों, डॉक्टरों आदि के लाखों सरकारी पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार उन्हें भरने की जगह केवल जुमले गिराने में व्यस्त है। बेगूसराय की जनता जानती है कि उसे इस चुनाव में ऐसे व्यक्ति को चुनना है जो बेगूसराय की समस्याओं को मजबूत ढंग से संसद में उठा सके। जनता जुमलों और विकास के खोखले दावों से तंग आ चुकी है और उसने खुद को बार-बार छलने वालों को आईना दिखाने के लिए कमर कस ली है।
कन्हैया ने बीजेपी सरकार के धार्मिक भावनाओं को भड़का कर राज करने तथा पूंजी पतियों को लाभ पहुंचाने की चर्चा करते हुए कहा कि आजादी से पहले अंग्रेजों और आजादी के बाद बड़े कारोबारी घरानों के टुकड़ों पर पलने वाली ताकतों ने आज अपने सियासी फायदे के किए संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के लिए सभी धर्मों के लोगों ने मिल-जुलकर संघर्ष किया था लेकिन आज वोट के लिए लोकतंत्र पर चोट करने वाले लोग देश में स्कूल-अस्पताल खोलने के बजाय श्मशान और कब्रिस्तान की बातें करके लोगों को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं। देश का आर्थिक विकास तभी होता है जब नागरिकों के साथ धर्म, जाति आदि के आधार पर भेदभाव नहीं होता है।
कन्हैया ने कहा कि भाजपा देश को फर्जी मसलों में उलझाकर कई जनविरोधी नीतियों को लागू करने के बाद अब सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया, स्कूटर्स इंडिया, सेल जैसी कंपनियों को बेचने की तैयारी कर रही है। यही वजह है कि इन कंपनियों को अपनी ऐसी संपत्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है जिन्हें बेचा जा सकता है। भाजपा ने पहले ही अपनी नीतियों से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के सरकारी संस्थानों की हालत खराब कर दी है और अब सार्वजनिक क्षेत्र की उन कंपनियों को भी प्राइवेट सेक्टर के हवाले करने की कोशिश की जा रही है जिन्हें बेहतर बनाकर लाखों बेरोजगारों को रोजगार दिया जा सकता था। भाजपा जिस विकास की बात करती है वह सिर्फ झूठे नारों और फर्जी आँकड़ों में दिखता है, ज़मीन पर तो बेरोजगारी और भुखमरी जैसी समस्याएँ ही दिख रही हैं।