पटना

आरक्षण पर आरएसएस प्रमुख के बयान से बिहार में फिर आया राजनैतिक भूकंप!

Special Coverage News
22 Aug 2019 5:52 AM GMT
आरक्षण पर आरएसएस प्रमुख के बयान से बिहार में फिर आया राजनैतिक भूकंप!
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RSS Chief Mohan Bhagwat (Photo : Twitter)

पटना (शिवा नंद गिरि ) ।आरक्षण पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के दिये ताजा बयान से बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। बिहार में भाजपा के साथ सत्तारूढ़ जदयू और विपक्षी आरजेडी ने इस मुद्दे पर एक ही राय देते हुए जमकर आलोचना किया ब संघ भाजपा पर हमले किए।

जदयू ने आरक्षण खत्म करने पर सड़कों फर खून बहाने की धमकी तक दे डाली। जदयू विधायक और मंत्री श्याम रजक ने कहा कि आरक्षण हटा तो दलितों का दिल दुखेगा। दिल दुखेगा तो देश टूटेगा। सड़कों पर निकलकर दलित अपना खून बहाएंगे। हम किसी कीमत पर इसे खत्म नहीं होने देंगे। इस मुद्दे पर जदयू-राजद के एक सुर से सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गरम है।

इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव पहले ही हो चुके हैं हमलावर। हालांकि ,इस मुद्दे पर जदयू के दूसरे नेता खासकर मुख्यमंत्री अभी मुंह नहीं खोल रहे। वह डॉ जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार में शामिल होने उनके पैतृक गांव बलुआ बाजार गए हैं। इस मसले पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर पहले ही संघ भाजपा को निशाने पर लिया।

आरजेडी ने जदयू की शैली का इस्तेमाल न करते हुए सधे अंदाज़ में अपनी बात कही। जवाब में भाजपा मौन है और नसीहत से काम चला रही है। भाजपा विधायक और नीतीश सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि आरक्षण खत्म करने की अफवाह फैलाकर सियासत की जा रही है। जिन्हें शंका है, वे प्रधानमंत्री के वक्तव्यों को ध्यान से सुनें कि आरक्षण व्यवस्था पर उन्होंने क्या कहा है।

भाजपा नेताओं ने जवाब के बजाय नसीहत दी

भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक नितिन नवीन ने संघ को कोसने वालों को नसीहत दी है। नितिन ने कहा संघ राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित संगठन है। उसके बारे में उल्टा पुल्टा बयान देना बंद करना होगा। जहां तक संघ प्रमुख मोहन भागवत की ओर से आरक्षण को लेकर दिए बयान की है, तो उस पर संघ ने अपना पक्ष साफ कर दिया है, लिहाजा उस पर बात करने और बात बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है।

मालूम हो कि 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण हटाए जाने के बात कही थी. जिसका खामियाजा बीजेपी को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पराजय के रूप में भुगतना पड़ा था। चूँकि इस समय हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का नशा बुरी तरह से लोंगों में चढ़ा हुआ है इस कारण अभी विपक्ष को कोई मौका नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते सभी विपक्षी दल हताशा में जी रहे है।

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