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नीतीश के गृह जिले में इलाज के लिए गरीब मां ने लिया अपने ही बच्चों को बेचने का फैसला
पटना-(शिवानंद गिरि)
बिहार के मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में एक महिला ने अपने बेटे को ही बेचने तो तैयार हो गई है। गरीबी से परेशान यह महिला पैसे के अभाव में अपना इलाज नही करा पा रही। यह महिला अब अपने दोनों बच्चों को बेचना चाहती है। पहले से ही गरीबी देख उसका पति भी उसे चोर कर भाग चुका है।
लेकिन ताज्जुब की बात तो
ये है कि मीडिया में भी खबर आने के बाद भी उस महिला को किसी प्रकार की मदद नही मिल पाई है। न तो सरकारी और न ही कोई स्वयंसेवी संस्था ही मदद के लिए आगे आयी है।महिला को अभी नालंदा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दरअसल गरीबी से जूझ रही इस महिला की हालत ऐसे है कि वो न तो अपना पेट पल सकती और न ही बच्चों का।ऐसे में इलाज की बात करना तो बेमानी होगी।महिला बच्चों को पालने का खर्च भी नहीं उठा पा रही है। साथ ही पिछले साल से महिला कुपोषण और ट्यूबरक्लोसिस से जूझ रही है। महिला के पति ने दूसरी महिला से शादी के लिए उसे छोड़ दिया था। जब उसे बीमारी के डर से जान जाने का खतरा बढ़ता दिखा और उसकी मदद के लिए कोई आगे आते नहीं दिखा तो उसने अपने इलाज के लिए दोनों बच्चों को बेचने का फैसला लिया।
बाद में महिला ने इस बात को स्वीकार किया कि वह अपने बच्चों को बेच रही थी। महिला ने बताया कि मेरी मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया और मैं कभी भी मर सकती थी।
महिला की हालत इस कदर खराब है कि वह अपने बच्चों के लिए कोई भी दाम लेने को तैयार है। उसने बताया कि बच्चों के लिए अगर कोई कुछ भी पैसे देता तो वह उसे ले लेती। हालांकि जिस अस्पताल में महिला भर्ती है उसके मैनेजर सुरजीत कुमार ने बताया कि जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिली मैंने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बच्चे भी कुपोषण के शिकार हैं और उनका भी इलाज चल रहा है।
मां के साथ उसके बच्चों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और तीनों का इलाज चल रहा है। मैनेजर सुरजीत कुमार ने बताया कि महिला बहुत ही गरीब है और उसका पति उसे छोड़कर भाग गया है।