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रामविलास पासवान का बसपा मुखिया पर हमला, जबाब दो इन सवालों का?
दलित नेता और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती पर एससी एसटी एक्ट को लेकर बड़ा तीखा हमला बोला. रामविलास ने कहा कि मायावती को दलित हितैषी बनने का नाटक छोड़ देंना चाहिए उनकी बी सारी पोल कुल चुकी है. नहीं तों वो इन सवालों के जबाब दें.
रामविलास ने कहा कि मायावती दलित एक्ट के समर्थन मे आज घडियाली आँसू बहा रही है. वे बताए कि वो जब 2007 मे उ० पृ० की मुख्यमंत्री थी तो 20 मई व 29 अक्टूबर 2007 को राज्य आदेश जारी क्यों किया था कि दलित एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है इसलिए FIR दर्ज करने से पहले उसका वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सत्यापन करवा लिया जाए.
रामविलास ने कहा कि जबकि अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार निवारण क़ानून 1989 की धारा 18 में लिखा है कि दलित एक्ट के तहत एफ़आइआर दर्ज होने के पहले सत्यापन कराने का कोई प्रावधान नहीं है. फिर ये आदेश क्यों मायावती ने जारी किया. सिर्फ इसलिए ताकि दलितों पर हमले होते रहे.
रामविलास ने कहा कि इतना ही नहीं क्या मायावती ने 2007 के आदेश मे यह नहीं कहा था कि कोई दलित महिला बलात्कार का मुकदमा दर्ज करे तो उसके पहले उसका मेडिकल कराने के बाद ही FIR दर्ज की जाए. इसका जबाब उनको देना चाहिए नहीं तो उनके मंसूबे अब दलितों को पता चल गया है. उनके अंदर दलित समाज के लिए क्या है और बाहर क्या है.
रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय पटना मे एक प्रेस वार्ता के दौरान यह बातें कही. रामविलास इस दौरान बसपा के विरोध में खुलकर बोलते नजर आये. बता दें कि बिहार में बहुजन समाज पार्टी के बढ़ते जनाधार से उनकी चिंता भी बढ़ी हुई है.