पटना

रालोसपा ने आर्थिक मंदी पर जताई गंभीर चिंता

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2 Sep 2019 7:17 AM GMT
रालोसपा ने आर्थिक मंदी पर जताई गंभीर चिंता
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राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने आर्थिक मंदी पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सपने दिखा कर सत्ता में आए थे, वह सपने आज भी पूरे नहीं हुए हैं. रालोसपा का मानना है कि देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है, बेरोजगारी अपने चर्म पर है तो बिहार में शिक्षा व स्वास्थ्य का बुरा हाल है. बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. नीतीश कुमार सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है. रालोसपा की दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बिहार में संगठन के चुनाव और शिक्षा व स्वास्थ्य, सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट में कोलेजियम प्रणाली के खिलाफ व्यापक आंदोलन करने पर सहमति बनी.

बैठक में ईवीइएम की गड़बड़ियों पर भी व्यापक चर्चा हुई और चुनाव बैलट पेपर से कराने पर जोर दिया गया. बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने की. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने बताया कि 12 अक्तूबर को पटना के बापू सभागार में समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया की पूण्यतिथि के मौके पर होने वाले सम्मेलन पर भी बैठक में चर्चा की गई. सम्मेलन का आयोजन महागठबंधन ने किया है और इसका संयोजक रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को बनाया गया है. इस सम्मेलन में महागठबंधन के दलों के अलावा वाम दलों को भी न्यौता दिया जाएगा.

फजल इमाम मल्लिक ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में कई राज्यों के अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय समिति के सदस्य मौजूद थे. मल्लिक ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को लेकर अर्थशास्त्रियों ने जो आशंका जताई थी वह आज सही साबित हुई है. देश के हालात बेहद खराब हैं और लोगों की नौकरियां जा रहीं हैं. सिर्फ निजी क्षेत्र में नहीं बल्कि सरकारी उपक्रमों में भी बड़े पैमाने पर छटनी हो रही है. यह चिंता की बात है. कुशवाहा ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में भी बेहद खराब हाल है.

किसानों के हालात खराब हैं और वे मंदी की मार झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग देश भर में नौकरियां करते हैं लेकिन उनकी बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है. बिहार की सरकार ने भी पिछले पंद्रह सालों में ऐसा कुछ नहीं किया जिसे लेकर नीतीश कुमार अपनी पीठ थपथपाएं. सच तो यह है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार की हालत और खराब हुई है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार काम का दावा ही ज्यादा करते रहे हैं जमीन पर उनका काम नहीं उतरा है. कुशवाहा ने कहा कि बिहार से लोगों का पलायन जारी है, रोजगार मिल नहीं रहा है और पलायन करने वालों की तादाद में इजाफा हुआ है. केंद्र सरकार अपने उपक्रमों को बेचने में लगी है क्योंकि सरकार के पास पैसा नहीं है और उसकी कोशिश है कि पैसा कहीं से आ जाए. ऐसा कर केंद्र सरकार कुछ खास बड़े घरानों को फायदा पहुंचाने में लगी है, यह चिंता की बात है.

मल्लिक ने बताया कि बैठक में बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ बढ़ते अपराध पर मुखरता से आंदोलन चलाने पर सहमति बनी. संगठन चुनाव के बाद आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. हरियाणा, दिल्ली और झारखंड में होने वाले चुनाव पर भी चर्चा हुई और आम सहमति बनी कि इन राज्यों में पार्टी चुनाव लड़े. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद, सुरेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश यादव, बिहार प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी, पूर्व मंत्री वृषण पटेल, पूर्व विधायक डा विनोद यादव, राष्ट्रीय महासचिव मालती कुशवाहा, राकेश सिंह, माधव आनंद, अनिल सिंह, एसपी सिंह, अरुण कुशवाहा, युवा रालोसपा अध्यक्ष मोहम्मद कामरान, विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज सिंह, बुद्धिजिवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुबोध कुमार, महिला प्रकोष्ठ की मधु मंजरी ने भी अपने विचार रखे.

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