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सेकुलर नीतीश कुमार की खुली पोल, बिहार के 38 जिलों में नहीं है कोई मुस्लिम एसपी और डीएम
छपरा: अल्पसंख्यक मुस्लिम आरक्षण आंदोलन अभियान के नेता एडवोकेट मनौवर हुसैन ने 11 नवम्बर को होने वाले सारण प्रमंडलीय महासम्मेलन में समर्थन के लिये मुसलमानों के कई गांवो का दौरा करते हुए बताया कि बिहार के मुसलमान 1960 में 20%नौकरी में थे. जबकि आबादी बहुत कम थी वही 45 मुस्लिम विधायक हुआ करते थे. मगर अब 26 हो गए है.
ये मुस्लिम समाज के साथ हो अंदरूनी साज़िश है. जिसे भोले भाले मुसलमान समझ नहीं पा रहे .हैं आज स्थिति ये हो गई है कि बिहार के 38 जिलों में से किसी भी ज़िला का डीएम या एसपी मुसलमान नहीं है. मुसलमान अपने दाल रोटी के इंतेज़ाम में ही व्यस्त है और इसका फायदा हर सरकारों ने उठाया है. मगर अब बिहार के मुसलमान जागरूक हो गए हैं अब अपने हक़ हुक़ुक़ की लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस के मैदान में आ रहे हैं.
सच्चर कमिटी,रंगनाथ मिश्रा समिति,डा०महमुदुर्रह्मान समिति के अनुसार मुसलमानों को सामाजिक पिछड़ेपन के बुनियाद पर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अब बिहार सरकार को 10% आरक्षण देना होगा इसके लिए सड़क से सदन तक आंदोलन चलाया जाएगा.
वहीं इस अभियान के कोआर्डिनेटर हाफिज़ साहेब रज़ा ख़ान छपरवी ने बताया कि 11 नवंबर को 10 बजे सुबह से छपरा शहर के जनक यादव पुस्तकालय में छपरा,सिवान,गोपालगंज यानी सारण प्रमंडलीय महासम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमे लगभग 10 हज़ार मुसलमानों के आगमन की तैयारी की जा रही है इसी वजह से जिला के एक एक मुहल्ले का हमलोग दौरा कर के मुसलमानों को जागरूक कर रहे हैं.
इस अवसर पर तौसीफ अंसारी,बिस्मिल्लाह अंसारी,असलम ख़ान, मास्टर हसीब मंसूरी,मक़सूद हवारी,तशफ्फी हुसैन,हाफिज आफ़ताब आलम आदी भी दौरा में साथ साथ रहें