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सूरत अमेठी नहीं है, इसलिए बाईस छात्रों की हत्या पर शव यात्रा नहीं निकली - रालोसपा
रालोसपा के प्रवक्ता और राष्ट्रीय महासचिव फजल इमाम मलिक ने कहा कि सूरत अमेठी नहीं है. इसलिए बाईस छात्रों की हत्या पर शव यात्रा नहीं निकली. कोई स्मृति ईरानी कंधा देने नहीं पहुंचीं. अमेठी भाजपा का नया प्लेग्राउंड है. वहां अर्थी को कंधा देना जरूरी है. मीडिया लहालोट है. अमेठी में जिनकी हत्या हुई वह भाजपा का कार्यकर्ता था.
लेकिन सूरत के छात्र देश के युवा थे. इनसे किसी को क्या मतलब. न मंत्री, न सांसद न विधायक किसी ने कंधा नहीं दिया. मीडिया स्मृति ईरानी को लेकर ही खिलखिला रहा है. घबराओ मत पत्रकारों समय लिखेगा तुम्हारा भी इतिहास.
बता दें कि रविवार को अमेठी में गौरीगंज इलाके के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की शनिवार देर रात अज्ञात हमलावरों नेगोली मारकर हत्या कर दी. सुरेंद्र सिंह अमेठी से नव निर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी के करीबी थे. उन्होंने स्मृति की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. उधर, घटना की सूचना मिलने के बादस्मृति दिल्ली से अमेठी पहुंचीं. उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात की. स्मृति नेसुरेंद्र की अर्थी को कंधा दिया. स्मृति के साथ योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा भी मौजूद थे. सुरेंद्र के बेटे ने इस मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर शक जताया है.
जबकि सूरत की बिल्डिंग में आग लगने से 23 बच्चों की मौत हो गई. आग और घुटन से घबराए बच्चों को इससे भयावह वीडियो आज तक नहीं देखा. इससे ज्यादा छलनी मन और आत्मा आज तक नहीं हुई. क्योंकि हम सब गलत हैं, सारे कुएं में भांग पड़ी हुई है. हमने किताबी ज्ञान में ठूंस दिया बच्चों को नहीं सिखा पाए लाइफ स्किल. नहीं सिखा पाए डर पर काबू रख शांत मन से काम करना.लेकिन इतने बड़े हादसे के बाद कोई मंत्री, सांसद , विधायक उनकी अर्थी को कंधा देने नहीं पहुंचा क्योंकि उससे शायद राजनैतिक फायदा न हो रहा हो.