पटना

23 मई के बाद पहली बार तोड़ी तेजस्वी ने चुप्पी, जदयू से गठबंधन को लेकर कही बड़ी बात

Special Coverage News
6 July 2019 2:37 PM GMT
23 मई के बाद पहली बार तोड़ी तेजस्वी ने चुप्पी, जदयू से गठबंधन को लेकर कही बड़ी बात
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पटना: 37 दिनों बाद आखिरकार तेजस्वी यादव ने अपनी चुप्पी तोड दी है. लेकिन, चुप्पी टूटने के साथ ही बिहार के सियासी गलियारे में हलचल मचने की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं. तेजस्वी ने जहां नीतीश कुमार के दोबारा महागठबंधन में एंट्री को लेकर नो एंट्री की बात को सिरे से खारिज कर दिया. वहीं, पार्टी को पारंपरिक राजनीति से उबरने की भी सलाह दे डाली है.

सार्वजनिक मंच को शेयर करने से बच रहे तेजस्वी यादव आखिरकार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने शुक्रवार को पहुंचे. तेजस्वी ने न केवल सार्वजनिक मंच को शेयर किया बल्कि 37 दिनों बाद अपने विचार भी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ शेयर किये. तेजस्वी यादव ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के शून्य पर आउट होने पर चिंता भी जतायी.

तेजस्वी यादव ने कहा कि आप सब ने हमपर विश्वास किया इसका आभारी हूं. हमारी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. पिछड़े-अतिपिछड़े समाज के लोग हमसे दूर हो गये हैं, उन्हें फिर से हर हाल में हमें जोड़ना होगा. कुछ लोग हमें गाली देते हैं, हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. कोई कितना भी हमें नुकसान पहुंचाए, हम उन्हें अपनी पार्टी में जगह सम्मान देते हैं. जो लोग हमारी आलोचना करते हैं, हमें बुरा नहीं लगता है. हम अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करते हैं.

तेजस्वी ने कहा कि हमें पारंपरिक राजनीति छोड़नी होगी. जिनके साथ अन्याय होता है हम उनकी बात तो करते हैं लेकिन उनके लिए संघर्ष नहीं कर पाते. तेजस्वी ने कहा कि हमें सबको साथ लेकर चलना होगा. जितनी कठिनाई हमारे पिता ने झेली है, आजतक किसी नेता ने नहीं झेली. हमें जितना सताया जाएगा हम उतने ही मजबूत होंगे. केवल एक व्यक्ति पार्टी को मजबूत नहीं कर सकता. सबकी मेहनत सबका साथ जरुरी है. पार्टी में नेताओं को अपना स्वार्थ किनारे रखना होगा. गलतियां मुझसे भी हुई हैं. उनमें सुधार करुंगा. नेताओं के बीच संवादहीनता को दूर किया जाएगा. हर कोई लालू यादव नहीं हो सकता. कुछ लोगों ने मेरे इस्तीफे की खबरें चलवा दीं. मुझे पता है किसने किस मकसद से ये खबर चलवाईं.

उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बाढ़-सूखा को मुद्दा बनाना होगा. चमकी बुखार के मसले पर भी सरकार फेल रही है. ये बिहार का चुनाव नहीं था देश का चुनाव था. देश के चुनाव और राज्य के चुनाव में अंतर होता है. हमें वोटों के विभाजन को रोकना होगा. संगठन की मजबूती के लिए हमें दूसरे राज्यों में भी चुनाव लड़ना होगा.

सूबे में नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच तेजस्वी ने यादव अपने नेताओं के भ्रम को भी दूर करने की कोशिश की. तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी-जेडीयू के बीच के संबंधों में खटास की खबरें आ रही हैं. जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. लेकिन आप लोगों को समझ लेना चाहिए कि अभी तक हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है. पहले हमारे पास प्रस्ताव आए तो उसके बाद सोचा जाएगा क्या करना है.

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