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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को मिलेगा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, आइये देखते हैं महानायक का फिल्मी कैरियर का अब तक का सफर

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25 Sep 2019 2:31 AM GMT
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को मिलेगा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, आइये देखते हैं महानायक का फिल्मी कैरियर का अब तक का सफर
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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री ने यह जानकारी दी है। आइये देखते हैं बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के फिल्मी कैरियर का अबतक का सफर-

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को मिलेगा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, फिल्म जगत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दी बधाई.

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री ने यह जानकारी दी है। आइये देखते हैं बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के फिल्मी कैरियर का अबतक का सफर-

अमिताभ हो जाना क्या होता है, ये उनसे पूछा जा सकता है, जो सिनेमा हॉल से निकलकर इस अभिनेता की बेस वाली आवाज़ की नकल करते हों, ये सवाल पूछा जा सकता है, उस 70 और 80 के दशक की उस पीढ़ी से जिनके आक्रोश को ज़जीर से लेकर दीवार तक, कुली से लेकर मुक्कदर के सिकंदर तक के एंग्री यंग मैन ने आवाज़ दी।

अमिताभ हो जाना, अपने समय की पहचान हो जाना है, जो समाज की गुहार को सुन बन जाता है, गुमनाम शहंशाह, और भ्रष्टचार को लेकर छेड़ता है अभियान। अमिताभ होना है सदी का महानायक हो जाना, जो शोले की तरह अपने दोस्त पर कुर्बान हो जाना है।

11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्में अमिताभ बच्चन, शुरु में ही जान गए थे कि उन्हें तो सिल्वर स्क्रीन पर आना है, कई नौकरियां कीं लेकिन मन लगा नहीं तो जा पहुंचे माया नगरी मुंबई। सात हिंदुस्तानी फिल्म से शुरु हुआ सफर, आज सैंकड़ों फिल्मों से होता हुआ फिल्मी दुनिया के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के सम्मान तक आ पहुंचा है। शायद इसीलिए अमिताभ हो जाना ख़ास है, जो आम आदमी की आवाज़ है। जो बदलते वक्त की आवाज़ है। अग्निपथ के विजय को आज भी शायद ही कोई भूला हो, जो अकेले ही टकरा जाता है, समय की दुश्वारियों से, अभिताभ होना सारे गढ़े प्रतिमान तोड़ते हुए निशब्द का उमरदराज़ प्रेमी हो जाना है, जो प्यार की छुअन को उम्र की सीमाओं से परे कर देता है।

ब्लैक का वो जुनूनी टीचर बार बार याद आता है, क्योंकि वो जानता है कि सपनों को पंख मिलने ज़रूरी है।

दौर बदला भारतीय सिनेमा की कहानियां बदली, लेकिन अमिताभ प्रासंगिक बने रहे। फिल्म 'पा' में कहीं लगा कि वो एक बच्चे नहीं हैं, चरित्र की आत्मा में प्रवेश कर जाना क्या होता है ये आज की अमिनेताओं की पीढ़ी आज भी सीख रही है, जहां पीकू का बुजुर्ग है तो कौन बनेगा करोड़पति का समाजिक संदेश देता घर का ही कोई अभिभावक है। लेकिन अमिताभ अमिताभ इसलिए हैं कि वो सिर्फ एक अभिनेता नहीं, वो भारत की पहचान है।

चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार से सम्मानित ये अभिनेता, देश से बाहर देश का चेहरा हैं, जो देश में कभी स्वच्छता का अर्थ समझाते हैं, तो वो नए भारत की अलख जागाते हैं। वो अमिताभ हैं, वो अमिताभ बच्चन हैं।

अमिताभ बच्चन को 15 फ़िल्मफेयर अवॉर्ड समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। साल 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। अमिताभ बच्चन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसी के साथ दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेताओं की सूची में अब बॉलीवुड के स्टार अमिताभ बच्चन का नाम भी शामिल हो गया है।अमिताभ की उम्र भले की 76 की हो गई हो लेकिन एक कलाकार अभी भी उनके अंदर जिंदा है तभी तो उम्र के इस दहलीज पर आकर अभिनय के प्रति उनकी दिवानगी अभी बनी हुई है।

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