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जनवरी 2019 से एक झटके में बेरोजगार हो जाएंगे 6 से 8 लाख लोग

Special Coverage News
22 Dec 2018 3:39 AM GMT
फ़ाइल फोटो
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फ़ाइल फोटो

गिरीश मालवीय

देश भर में करीब 80 हजार में लगभग केबल ऑपरेटर होंगे और तकरीबन 6 से 8 लाख इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारी होंगे. जो जनवरी 2019 से एक झटके में बेरोजगार हो जाएंगे. लेकिन किसी को उनकी फिक्र नही है. अच्छा उनकी भी बात छोड़िए लोगो को तो अभी तक इस बात का होश ही नही है कि अब जो चैनल वो फ्री में ही या बेहद न्यूनतम मूल्य में देख रहे थे. उसकी कीमत बेतहाशा बढ़ने वाली है.


29 दिसम्बर के बाद फ्री टू एयर चैनल में जहां पहले कोई शुल्क नहीं लगता था. वहीं, अब 154 रुपए चुकाना पड़ेंगे इसके अलावा सभी चैनलों के अलग-अलग रेट भी तय कर दिए गए है. वो भी कितना ? सिर्फ आपको स्टार इंडिया का ही उदाहरण बताता हूँ. स्टार इंडिया के कुल 51 पे चैनल्स हैं. इसमें 23 चैनलों 19 रुपए की एमआरपी वाले हैं. पांच चैनल 1 रुपए की कीमत वाले हैं. यदि आप इसका पूरा पैकेज लेते हैं तो मंथली इसके लिए 646 रुपए चुकाना होंगे, गौर कीजिए सिर्फ स्टार इंडिया के ही 646 रु मात्र अम्बानी के वॉयकॉम-18 के टोटल 32 पे चैनल्स हैं. इनकी एवरेज कॉस्ट 7.80 रुपए है। 32 चैनल्स की टोटल कॉस्ट 250 रुपए प्रतिमाह पड़ेगी.


सोनी के 25 पे चैनल्स हैं। एवरेज प्राइस 12 रुपए प्रतिमाह है। सभी चैनल्स को मिलाकर मंथली पैक 301 रुपए के करीब पड़ेगा. इस तरह से 42 ब्रॉडकास्टर्स के कुल 332 चैनलों का इनडिविजुअली प्राइस भी बताया है.


अभी भी बहुत से घरो इन सब चैनलो को आप 250 से 350 रु में आसानी से देखा जा रहा है जिसे अब आप भूल ही जाइए, और एक बड़ी कमाल की बात और हुई है. अब आपको इन चैनलों को देखने का खर्च पहले चुकाना होगा बाद में सर्विस दी जाएगी यानी केबल नेटवर्क भी अब प्रीपेड माेबाइल सिम की तरह एडवांस रुपए जमा करवाने पर ही चलेगा. अभी तक केबल ऑपरेटर उपभोक्ताओं से केबल का किराया महीने के बाद या अपनी सुविधा के अनुसार लेते आए थे. लेकिन नए कानून के पास हो जाने के बाद उपभोक्ताओं को पहले पैसा जमा करना होगा. उसके बाद वे केबल टीवी का उपयोग कर पाएंगे यानी बिलकुल डीटीएच जैसा,ओर खास बात यह है कि केबल ऑपरेटर्स और डीटीएच कंपनियों को अब एक समान ही पैक उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने होंगे. केबल ऑपरेटर व्यवसाय अब इतिहास की बात होने जा रहा है जिओ डीटीएच को मार्केट में स्टेबलिश करने की कीमत लाखो लोग बेरोजगार होकर चुकाने को तैयार हैं.

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