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पिछली वर्ष की अपेक्षा 25 प्रतिशत कम और 100 किवंटल कम बिका धनतेरस पर सोना, आर्थिक मंदी या कोई और कारण?

Special Coverage News
27 Oct 2019 1:13 AM GMT
पिछली वर्ष की अपेक्षा 25 प्रतिशत कम और 100 किवंटल कम बिका धनतेरस पर सोना, आर्थिक मंदी या कोई और कारण?
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मुंबई। महंगी धातुओं की खरीदारी के शुभ-मुहूर्त धनतेरस पर इस साल देशभर में करीब 30 टन सोने की बिक्री हुई, जो कि उम्मीद से ज्यादा है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि विगत वर्षों के दौरान धनतेरस पर भारत में करीब 40 टन सोने की खरीदारी होती थी, लेकिन इस साल सोने का दाम उंचा रहने और बाजार में तरलता की कमी के कारण लिवाली 20 टन के आसपास रहने का अंदेशा जताया गया था। इस साल सोने की लिवाली पिछले साल से 25 प्रतिशत कमजोर रही।

पिछले साल के मुकाबले इस साल सोने का भाव घरेलू बाजार में करीब 7,000 रुपए प्रति 10 ग्राम ऊंचा है। सोना महंगा होने के कारण खरीदारी नरम रही है। उन्होंने हालांकि कहा कि कुछ दिन पहले इतनी खरीदारी होने का भी अनुमान नहीं था, क्योंकि घरेलू सर्राफा बाजार में ऊंचे भाव पर पीली धातु में मांग कमजोर देखी जा रही थी।

सुरेंद्र मेहता ने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में सोने का भाव इस साल तेज रहने और भारत में महंगी धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ जाने के कारण घरेलू सर्राफा बाजार में दाम काफी उंचा हो गया है, जबकि लोगों के पास नकदी का अभाव है। इसलिए त्योहारी सीजन के आरंभ में सोने में मांग कमजोर देखी जा रही थी, लेकिन विगत तीन-चार दिनों में खरीदारी ने जिस प्रकार जोर पकड़ा है उससे इस धनतेरस पर सोने की लिवाली तकरीबन 30 टन रही।

इससे पहले आठ अक्टूबर को मेहता ने कहा था कि कमजोर मांग के कारण इस साल लगता है कि धनतेरस पर देशभर के सर्राफा बाजार में बमुश्किल से 20 टन सोना बिक पाएगा। केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का भी यही अनुमान है कि भारतीय सर्राफा बाजार में पिछले साल के मुकाबले खरीदारी 25 प्रतिशत कमजोर रही है।

केडिया ने हालांकि कहा कि पीएमसी बैंक में घोटाले उजागर होने के बाद बैंकिंग स्कीमों में निवेश के प्रति छोटे निवेशकों का विश्वास कम हुआ है, जिससे सोने और चांदी जैसी महंगी धातुओं में निवेश के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में सोना निवेश का बेहतर विकल्प बना हुआ है।

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (करेंसी एंड एनर्जी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान भारतीय करेंसी रुपए में डॉलर के मुकाबले मजबूती आई है, जिससे घरेलू सर्राफा बाजार में महंगी धातु की मांग को सपोर्ट मिला है। हालांकि सोने में इस साल बेहतर रिटर्न मिलने से पीली धातु में निवेश मांग बढ़ी है।

घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर हालांकि बीते सत्र में शुक्रवार को सोने का दिसंबर अनुबंध 77 रुपए की कमजोरी के साथ 38,275 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ लेकिन पिछले साल धनतेरस के मुकाबले भाव काफी उंचा है, जब एमसीएक्स पर सोने की कीमत 31,702 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद सोने का आयात कम करने के मकसद से नवगठित सरकार ने जुलाई में चालू वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पेश करते हुए महंगी धातुओं पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया, जिससे देश में सोना महंगा हो गया है।

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