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यह है डिजिटल इंडिया की सच्चाई, सात साल के बेंक फ्रॉड के आँकड़े देख लीजिए, शायद ऑंखें खुल जाएँ!
गिरीश मालवीय
क्या आप यकीन करेंगे कि 2019 से पहले 11 वित्त वर्ष में बैंक फ्रॉड के कुल 53,334 मामलो में 2 लाख 5 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी लेकिन इस वित्त वर्ष 2019-20 के सिर्फ 9 महीनों में ही बैंक फ्रॉड के कुल 8926 मामले दर्ज हुए हैं! ओर फ्रॉड की यह रकम 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपये पुहंच गयी है....... यानी बैंकिंग फ्रॉड की जो रक़म पिछले कुल 11 सालो में दर्ज की गई थी उससे आधे से भी अधिक रकम पिछली तीन तिमाहियों में दर्ज की गई है.…..........
इस साल के सिर्फ 9 महीनों के अंदर 8926 मामले आए है जिसमे 1 लाख 17 हजार के फ्रॉड हुए हैं जबकि पिछले 11 सालों में 55 हजार से अधिक मामलों में 2 लाख 5 हजार करोड़ के फ्रॉड हुए थे यानी 11 सालो के बनिस्बत इन 9 महीनों में फ्रॉड के कम मामलों में ज्यादा बड़ी रकम के घोटाले हो रहे हैं
यानी मोदी राज में दिन दूनी रात चौगुनी की रफ्तार से बैंक फ्रॉड भी बढ़ रहे है ओर उसमे डूबी रकम भी बढ रही है!..… क्या इसके लिए भी यूपीए सरकार या नेहरू जी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा?
यह है डिजिटल इंडिया की सच्चाई
एक बार आप खुद ही पिछले 7 सालों के बैंक फ्रॉड के आँकड़े देख लीजिए
2013-14 में 10 हजार 70 करोड़ रुपए
2014-15 में 19 हजार 361 करोड़
2015-16 में 18 हजार 698 करोड़ रुपये
2016-17 में 23 हजार 984 करोड़ रुपये
2017-18 में 41 हजार 167 करोड़ रुपये
2018-19 में 71 हजार 500 करोड़ रुपये
2019 -20 में 1 अप्रैल- 31 दिसम्बर 2019 तक 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपये