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NCLAT का बड़ा फैसला, साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश
नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के एग्जिक्युटिव चेयरमैन के पद पर बहाल करने का आदेश दिया है। NCLAT ने कहा कि मिस्त्री फिर से टाटा संस के एग्जिक्युटिव चेयरमैन नियुक्त किए जाएं। साथ ही, उसने एन. चंद्रशेखरन के इस पद पर नियुक्ति को गैरकानूनी बताया। हालांकि, न्यायाधिकरण ने कहा कि बहाली आदेश चार सप्ताह बाद अमल में आएगा। टाटा संस को अपील करने के लिए यह समय दिया गया है।
NCLAT के दो सदस्यीय बेंच ने यह फैसला सुनाया है। NCLAT में यह याचिका मिस्त्री और दो इन्वेस्टमेंट फर्म की तरफ से दाखिल की गई थी। जुलाई में अपीलेट ने फैसला सुरक्षा रख लिया था। साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे और उन्हें इस पद से अक्टूबर 2016 में हटा दिया गया था। रतन टाटा के बाद उन्होंने 2012 में चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया था।
एनसीएलएटी के फैसले पर साइरस मिस्त्री ने कहा, 'न्यायाधिकरण ने आज जो फैसला दिया है, वह न सिर्फ मेरी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि गुड गवर्नेंस के सिद्धांतों तथा अल्पांश हिस्सेदारों (माइनॉरिटी शेयरहोल्डर) के अधिकारों की जीत है। मेरी अपील पर न्यायाधिकरण का फैसला मेरे रुख की पुष्टि करता है।'
टाटा परिवार से बाहर के दूसरे चेयरमैन थे मिस्त्री
उल्लेखनीय है कि टाटा संस के निदेशक मंडल ने 24 अक्टूबर, 2016 को एक हैरान करने वाला कदम उठाते हुए मिस्त्री को चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया था। वह दिसंबर, 2012 में टाटा संस के चेयरमैन बने थे। समूह के 150 साल के इतिहास में मिस्त्री चेयरमैन बनने वाले टाटा परिवार से बाहर के दूसरे व्यक्ति थे। उनके पहले 1934-38 के दौरान टाटा समूह से बाहर के नवरोजी सकलतवाला समूह के चेयरमैन थे।