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प्याज के बाद अब दोगुने हो गए आलू के दाम, ग्राहक नये और पुराने में फंसे
नई दिल्ली। आलू प्याज़ की सब्ज़ी एक ऐसी सब्ज़ी है जिसे आप फटाफट बना सकते है| इस सब्ज़ी को बनाना आपको सस्ता भी पड़ेगा सभी सब्जियों के मुकाबले में क्यूंकि यह सब्ज़ी सिर्फ आलू और प्याज़ से बनती है| अगर प्याज के दाम के उतार चड़ाव को नज़र-अंदाज़ कर दे तो यह सब्जी काफी सस्ती साबित होगी| लेकिन इस समय आम आदमी की जेब पर और ज्यादा भारी पड़ने वाला है सब्जियां खरीदना. क्योंकि प्याज और दालों की कीमत के बाद अब आलू की कीमत आसमान छू रही है।
पिछले 10 दिनों में आलू का रीटेल दाम 100 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया हैं. आलू की कीमत 40-50 रुपये किलो हो गई है ग्राहक अब पुराने और नये के चक्कर में पड़ गये है क्यो कि पूराने आलू कम रेट पर मिल रहे लेकिन उनको नया आलू मन को भा रहा है और खरीदते समय इसी भवर में फसे हैं पिछले साल के मुकाबले दिसंबर में इसकी कीमतें दो से तीन गुना तक बढ़ी हैं
हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि आलू कीमतें कुछ दिनों में सामान्य हो जाएंगी. दिल्ली के रीटेल बाजारों में शनिवार को आलू की औसत कीमत 40 रुपये किलो थी, जो अगले दिन 50 रुपये तक बिका. पिछले हफ्ते यह 20 से 25 रुपये की रेंज में था. आजादपुर मंडी में अधिकतम थोक कीमत 21 रुपये किलो थी, जो दिसंबर 2018 में 6-10 रुपये किलो थी. इसकी वजह आलू कारोबारियों ने पंजाब से नए आलू की आवक में कमी और बारिश के चलते निकासी प्रभावित होने से दाम बढ़ गए हैं. आलू कीमतों का ट्रेंड प्याज से बिल्कुल अलग है. यह बढ़ोतरी तकनीकी है, जो जल्द सामान्य हो जाएगी. हालांकि रीटेल कीमतें 20-25 के स्तर पर ही रहेंगी।
यूपी से नए आलू की सप्लाई जनवरी-फरवरी में शुरू होती है. आलू के अलावा ज्यादातर हरी सब्जियां भी बारिश और ओलावृष्टि के चलते महंगी हो गई हैं. गोभी, पालक, टमाटर के दाम पिछले दिसंबर के मुकाबले 50-60% ज्यादा हैं. दाल, चावल, गेहूं और सब्जियों की कीमतों में तेजी के चलते ही नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तीन साल के उच्चतम स्तर 5.54% पर पहुंच गया है, जो पिछले नवंबर में 2.33 था।