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आरबीआई ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में बदलाव नहीं किया, 5.15% पर स्थिर
आरबीआई ने इस बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया। इसे 5.15% पर बरकरार रखा है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक के बाद आरबीआई ने गुरुवार को फैसलों का ऐलान किया। दिसंबर की बैठक में भी ब्याज दरें स्थिर रखी थीं। इससे पहले लगातार 5 बार कटौती करते हुए रेपो रेट में 1.35% कमी की थी।
अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर 5% से 5.4% रहने का अनुमान
आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष (2020-21) में जीडीपी ग्रोथ 6% रहने का अनुमान जारी किया है। पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5% से 5.4% किया है। खाने-पीने की वस्तुओं के रेट ज्यादा बढ़ने की वजह से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35% पर पहुंच गई। यह साढ़े पांच साल में सबसे ज्यादा है। आरबीआई नीतियां बनाते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। मध्यम अवधि में आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4% पर रहे। इसमें 2% की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन, दिसंबर में यह 6% की अधिकतम रेंज से भी ऊपर पहुंच गई।
अकोमोडेटिव आउटलुक बरकरार
आरबीआई ने मौद्रिक नीति को लेकर इस बार भी अकोमोडेटिव नजरिया बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि रेपो रेट में आगे कटौती संभव है।