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रुपया गिरा जमीन पर पर पीएम की लोकप्रियता और डीजल पेट्रोल के दाम आसमान पर, जानोगे क्यों?

Special Coverage News
14 Sep 2018 5:27 AM GMT
रुपया गिरा जमीन पर पर पीएम की लोकप्रियता और डीजल पेट्रोल के दाम आसमान पर, जानोगे क्यों?
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यूसुफ़ अंसारी

2014 के लोकसभा चुनाव से पहले डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री दोनों की साख गिरने का प्रतीक हुआ करती थी. अब मोदी सरकार के ज़माने में यह फॉर्मूला बदल गया है. अब जैसे-जैसे डॉलर के मुकाबले रुपया नीचे गिर रहा है वैसे-वैसे केंद्र सरकार और पीएम मोदी की लेकप्रियता बढ़ रही है. मंगलवार को एक डॉलर की क़ीमत 71.27 रुपए हो गई. यानि रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर तक गिर गया. संयोग देखिए कि इसी दिन जारी सर्वेक्षण में पीएम मोदी की लोकप्रियता राहुल गांधी के मुकाबले 400 फीसदी बढ़कर आसमान पर पहुंच गई.


कुछ भी कहें. पीएम मोदी ने 2013 में कही अपनी ही बात को ग़लत साबित कर दिया. तब नरेंद्र मोदी ने कहा था कि डॉलर के मुकाबले रुपया जितना नीचे गिरता है दिल्ली में बैठी सरकार की साख़ भी उतनी ही नीचे गिर जाती है. अब उल्टा हो रहा है. रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार नीचे गिरता जा रहा है. पेट्रोल-डीज़ल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मंहगाई लगातार बढ़ रही है. देश में बोरोज़गारी लगातार बढ़ रही है. इस सबके बावजूद ताज़ा जनमत सर्वेक्षणों में पीएम मोदी की लोकप्रियता आसमान छूती जा रही है. जबकि राहुल गांधी लोकप्रियता के मामले में उसी तरह पिछड़ते जा रहे हैं जैसे डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता जा रहा है.


दुनियाभर में डॉलर मज़बूत हो रहा है. ज्यादातर देशों की करंसी कमजडोर हो रही है. इसी के चलते रुपये में गिरावट जारी है. सोमवार को रुपया पहली बार 71.21 रुपये के करीब पहुंच गया था. मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया और नीचे गिर कर 71.27 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. वहीं पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में भी लगातार दसवें दिन भी बढ़ोतरी हुई। सभी मेट्रो शहरों के मुकाबले मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं. मुंबई में पेट्रोल की कीमत 86.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत 75.74 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है.


वहीं ताज़ा जनमत सर्वेक्षणों ने सियासी हलचल तेज़ कर दी है. इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के सर्वे में पीएम मोदी देश के बाकी नेताओं से बहुत आगे हैं. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वो कौन नेता है जो देश का एजेंडा आगे ले जा सकता है? सर्वे में इस सवाल के नतीजे एक तरफा आए हैं. पीएम मोदी 48 प्रतिशत लोगों की पसंद बने हैं, 11 प्रतिशत लोगों की पसंद के साथ राहुल गांधी दूसरे नंबर पर हैं. पीएम मोदी राहुल गांधी से से 400% से भी ज्यादा की बढ़त लिए हुए हैं. वहीं महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे नेता इस लिस्ट में काफी पीछे नजर आ रहे हैं. केजरीवाल 9.3%, अखिलेश यादव 7%, ममता बनर्जी 4.2% और मायावती 3.1% लोगों की पसंद बनीं हैं.


इस सर्वेक्षण में पीएम मोदी की डॉलर की तरह मज़बीत होते दिखें हैं तो राहुल गांधी रुपए की तरह लगातार पिछड़ते जा रहे हैं. इससे बीजेपी बल्लियों उछल रही है तो कांग्रेस की चिंता बढ़ रही है. इसे लेकर दोनों पार्टियों के बयानबहादुर प्रवक्ताओं के बीच ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है. आंखों की त्योरियां चढ़ गई है. तलवारें खिंच गई है.


बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, 'अगर जनता को राहुल गांधी पसंद नहीं है तो जनता से आप जबरदस्ती तो नहीं कहेंगे ना कि ये नेता और उनसे भी यही बुलवाना चाहते हैं. बीजेपी लगातार एक बाद एक चुनाव जीत रही है, ये मोदी जी की लोकप्रियता के बारे में हैं. अगर उन्हें (राहुल गांधी) लगता है कि वो लोकप्रिय हैं तो आने वाले चुनाव में साबित करें.'


सर्वेक्षण में पीएम मोदी के मुकाबले राहुल गांधी के बहुत ज्यादा पिछड़ने पर कांग्रेस आग बबूला है. कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी को यह बताना पड़ेगा आखिर पीएम मोदी की लोकप्रियता कैसे बढ़ रही है. सबका साथ सबका विकास की बात कहने वाली बीजेपी दस ऐसे मुद्दे गिनाए जिनके बारे मैें यह कहा जा सके कि इनसे देश को फायदा हुआ. उनका दावा है कि तीन महीने बाद होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में पाएम मोदी की लेकप्रियता का गुब्बारा फूट जाएगा.


बहरहाल लोगों के लिए यह हैरानी का विषय है कि देश में जब चारों तरफ समस्याओं से जूझ रहा है, आर्थिक मंदी का दौर लगातार जारी है. बैंक दिवालिया हो रहे हैं. बेरोजगारी नए रिकॉर्ड बना रही है. देश में महिलाओं की सुरक्षा बड़ी नई चुनौती बनती जा रही है ऐसे में पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ना किसी जादू से कम नहीं है.

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