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कौन हैं IMF चीफ गीता गोपीनाथ? जिनकी भविष्यवाणी ने सेंसेक्स को किया धड़ाम
भारत के प्रमुख शेयर बाजार – सेंसेक्स में मंगलवार को 217.05 प्वॉइंट्स की गिरावट देखी गई. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 200 अंक से ज्यादा लुढ़का और निफ्टी भी 60 अंक से ज्यादा फिसला. इसके पीछे की मुख्य वजह इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की तरफ से जारी अनुमान रहा. IMF ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) सिर्फ 4.8 फीसदी की दर से बढ़ेगा.
IMF का अनुमान है घरेलू मांग सुस्त रहने और गैर-बैंकिंग क्षेत्र के दबाव में रहने के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत में आर्थिक गतिविधियां कमजोर रह सकती है, लेकिन अगले साल आर्थिक सुस्ती दूर होने की उम्मीद है. IMF में फिलहाल एक भारतीय सर्वेसर्वा है. मशहूर अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ IMF की चीफ इकॉनमिस्ट हैं. वह पिछले साल जनवरी में IMF प्रमुख बनी थीं.
आइए जानते हैं, वह कौन हैं.
- MF में आने से पहले गीता गोपीनाथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर थीं.
- आगे की पढ़ाई के लिए गीता प्रिंसटन यूनिवर्सिटी चली गईं, जहां से उन्होंने 2001 में अंतर्राष्ट्रीय मैक्रो इकॉनॉमिक्स एवं व्यापार में अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की.
- 2005 में हार्वर्ड जाने से पहले गीता शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर थीं.
- गीता गोपीनाथ को 2003 और 2004 में जर्नल ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ पेपर के लिए भगवती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- साल 2014 में IMF ने उन्हें 45 साल से कम उम्र के शीर्ष 25 अर्थशास्त्रियों में से एक नामित किया था और 2011 में उन्हें विश्व आर्थिक मंच यंग ग्लोबल लीडर करार दिया गया.
- गीता गोपीनाथ ने साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी की समीक्षा की. नोटबंदी के कुछ ही दिन बाद एक पेपर में उन्होंने लिखा था कि सरकार के इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचती दिख रही है.
- गीता गोपीनाथ को 2016 में केरल के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था और उनका रैंक मुख्य सचिव का था.
- गीता ने भारतीय वित्त मंत्रालय के लिए जी-20 मामलों पर जाने-माने लोगों के सलाहकार समूह के सदस्य के रूप में भी काम किया है.गीता गोपीनाथ का जन्म जन्म कोलकता में हुआ. स्कूलिंग मैसूर के निर्मला कॉन्वेंट स्कूल से हुई.
- नई दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज से ग्रेजुएट गीता गोपीनाथ ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमए की डिग्री हासिल की.
- दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में ही गीता की मुलाक़ात उसके होने वाले पति इक़बाल सिंह धालीवाल से हुई. कॉलेज जाते वक़्त ये दोनों साथ ही बस से सफर करते थे. इक़बाल ने 1996 में आईएएस टॉप किया था. तमिलनाडु कैडर के अफसर इक़बाल ने करीब पांच साल तक नौकरी की, उसके बाद वो अमेरिका चले गए.
- 1997 में इनकी इंगेजमेंट और 1999 में इनकी शादी हुई. अब इनके एक बेटा है, जिसका नाम रोहिल है. इक़बाल इस समय एमआईटी के पावर्टी एक्शन लैब में बतौर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जुड़े हुए हैं.
- आगे की पढ़ाई के लिए गीता प्रिंसटन यूनिवर्सिटी चली गईं, जहां से उन्होंने 2001 में अंतर्राष्ट्रीय मैक्रो इकॉनॉमिक्स एवं व्यापार में अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की.
- 2005 में हार्वर्ड जाने से पहले गीता शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर थीं.
- गीता गोपीनाथ को 2003 और 2004 में जर्नल ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ पेपर के लिए भगवती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
- साल 2014 में IMF ने उन्हें 45 साल से कम उम्र के शीर्ष 25 अर्थशास्त्रियों में से एक नामित किया था और 2011 में उन्हें विश्व आर्थिक मंच यंग ग्लोबल लीडर करार दिया गया.
- गीता गोपीनाथ ने साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी की समीक्षा की. नोटबंदी के कुछ ही दिन बाद एक पेपर में उन्होंने लिखा था कि सरकार के इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचती दिख रही है.
- गीता गोपीनाथ को 2016 में केरल के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था और उनका रैंक मुख्य सचिव का था.
- गीता ने भारतीय वित्त मंत्रालय के लिए जी-20 मामलों पर जाने-माने लोगों के सलाहकार समूह के सदस्य के रूप में भी काम किया है.