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5000 children have died in 39 years from a disease, Modi-yogi should do something!
गोरखपुर में पिछले पांच दिनों में 60 बच्चों की मौत एक त्रासदी है! गोरखपुर में बच्चों के जापानी मस्तिष्क ज्वर (इंसेफेलाइटिस) का पहला केस 1978 में आया था। तब से अब तक से 5000 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है!
इस 7 अगस्त से अब तक 60 बच्चों की मौत हो चुकी है। ऑक्सीजन सिलेंडर की समस्या भी अस्पताल में है, लेकिन मौत सिलेंडर की कमी से नहीं जापानी बुखार की वजह से हुयी है। मीडिया ने ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी और बच्चों की मौत दोनों को जोड़ कर भ्रम पैदा करने की कोशिश की है, जिसे अखिलेश-मायावती-कांग्रेस ने और ज्यादा हवा दी! मोदी-योगी के अंध-विरोध में कुछ भी प्रसारित किया जा सकता है, सो किया जा रहा है!
न्यूज एजेंसी ANI ने अस्पताल के अंदर से जो रिपोर्ट निकाली है, उसके अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को अन्य जगहों से लाकर अस्पताल में पूरा किया जा रहा था। उप्र सरकार ने भी अपने औपचारिक बयान में कहा है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से बच्चों की मौत नहीं हुयी है। स्थानीय DM की रिपोर्ट भी यही कहती है।
एक सांसद के रूप में संसद से सड़क तक योगी लगातार कोशिश कर रहे थे लेकिन जापानी बुखार का कोई समाधान इलाके में नहीं निकला पाए! अब मुख्यमंत्री हैं। अब जब केंद्र और प्रदेश में उनकी सरकार है तो उन्हें इसका समाधान खोजना ही होगा! बच्चों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है!
कहने को हम सुपर आर्थिक शक्ति होने का ढिंढोरा पीटते हैं, जनता को जो समझ में नहीं आता उस GDP से अपनी तरक्की मापते हैं! लेकिन हम अपने बच्चों तक को बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर शिक्षा दे पाने में असमर्थ हैं! यह कड़वा सच है!
यदि अपने बच्चों को हम एक बीमारी से पिछले 39 साल से नहीं बचा पा रहे हैं तो फिर किस बात के लिए विश्व-गुरु का सपना! पीड़ा होती है! कुछ कीजिए!
बुनियादी जरूरतों और मामूली उम्मीदों के साथ विश्वासघात करने वाली पार्टियों और नेताओं से आजिज आकर ही जनता ने आपको चुना है मोदी-योगी जी! बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा को आमजन के लिए सुलभ और सक्षम बनाइए!
सदीप देव
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